सोमवार, 28 सितंबर 2009

दशहरा की हार्दिक सुभकामना......


देश में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीकात्मक त्योहार दशहरा श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। शाम को विभिन्न स्थानों पर मेला गया और शाम को रावण का पुतला दहन होगा। कुछ स्थानों पर रावण के साथ ही मेघनाद एवं कुंभकर्ण का भी पुतला दहन होगा। के पुतले का दहन होगा।....इस अवसर परदिल्ली में प्रधानमंत्री और सोनिया गाँधी और अन्य नेता गन भी भाग लेंगे...हमारी ड्यूटी है इसलिए ऑफिस में हैं नज़ारा न्यूज़ रूम से दिखने को मिलेगा.....यह प्रोग्राम भी कवर करना है.....घर/गांव जाना चाहता था पिछले तेरह चौदह साल से दशेरा नही देख पाया....छुट्टी नही मिली ...क्या करे, देश वासियौं और दोस्तू को मेरी और से बहुत बहुत सुभ कामना....इश्वर करे सबको खूब सारी खुशियाँ दे......और हस साल ऐसे ही शान्ति और सफलता के साथ दसहरा मने.......

आपका अपना मनोजीत सिंह

बुधवार, 23 सितंबर 2009

सुधर जाओ दिल्ली वालो....

ग्रह मंत्री पलानीअप्पन चिताम्बरम या पी चिताम्बरम ने दिल्ली वासियौं को आखिर कार नसीहत दे ही डाली....वो भी पुलिस वालू की मौजूदगी में...."सलीके से रहो दिल्ली वालो "। हमारे देश में एक बुरी आदत है कोई भी इवेंट या खेल होने जा रहे होते हैं तो हो हल्ला जयादा और काम कम होता है। वही बात रास्त्र मंडल खेल को लेकर हो रहा है....कल यानि मंगलबार को दिल्ली में २२ नए थानू का श्री गणेश किया गया। ग्रह मंत्री ने मुख्या मंत्री और पुलिस कमिश्नर की मौजूदगी में दिल्ली के लोगूँ को नसीहत दे डाली की सलीका सीखो और बौयाहार बदलो....तुलना कर दी चीन और जर्मनी से....खैर....यह भी जानकारी दे दी की इन देशू ने क्या पर्यास किए गए थे.....ग्रह मंत्री ये भूल गए की दो सौ साल अँगरेज़ राज कर चले गए वो नही बदल पाए कुछ महिनू में कैसे बदल पाएंगे....मेरी समझ से बाहर है.....मुख्यमंत्री जी ने कह डाला की उनकी सरकार समाज के तौर तरीकू में बदलाव के लिए अभियान शुरू कर रही है ताकि लोग ज्यादा सतर्क बन सकें...ये 'सतर्क; का क्या तात्पर्य है वही जाने...गृह मंत्री ने कह दिया की शैक्षिक कार्यक्रम चलाये जाने की जरुरत है. दिल्ली पुलिस ऐसे कार्यक्रम सुनिश्चित करे जिससे सुरक्ष्य सुनिश्चित हो सके. ...पुलिस का नाम सुन कर लोगू को सांप सूंग जाता है वो क्या कार्यक्रम चलाएगी....और चलाएगी भी तो क्या सफल होगा....शक है सौ पर्तिशत...पहले अपनी इमेज तो सुधार लो...गृह मंत्री ने रेड लाइट पार करने की बात कही...जब ट्रैफिक इतना अस्त ब्यस्त होगा तो लोग तो रेड लाइट करेंगे ही....तीस मिनट का रास्ता तीन घंटे में तय होता हैं...क्या करेंगे लोग समझ सकते हैं....सबसे बड़ी बात ये बड़ी बड़ी बाते खेल शुरू होने से कुछ दिन पहले क्योँ कही जा रही हैं? वो भी दिल्ली के लोगो को....?जो अपनी बात करते हैं....और दूसरू की बात नहीं सुनते....मुख्या मंत्री पहले ही खेल के बारे में उन्हें शक शंका है.....जिस हिसाब से कम चल रहा है....कबी राज्य के हक़ की बात हो रही है तो कभी ये कमी वो कमी का बहाना कर टोपी एक दुसरे के सर पर सरकाने की कोसिस की जा रही है...बाईस नए थाने खोल दिए...इससे मुझे नहीं लगता ज्यादा लोगू को सुरक्ष्य मिल पायेगी या कानून का ठीक ढंग से पालन होगा...मुझे नहीं लगता....और ज्यादा लूट खशोट होगी...बजाये लोगू को अछि तरह से सीख देने के , कार्यक्रम चलने की , विकाश कार्य करने , उल्टे सीधे बयान बाज़ी कर अपने नंबर बनाने में लगे हुए हैं सभी....ये शर्म की बात है. गृह मंत्री के विचार उचित हो सकते हैं लेकिन औरु का क्या करे. दिल्ली तो वैसे भी अंतर रास्ट्रीय शहर है....बस थोडा अनुशाशन में रहने की जरुरत है.....वो दिल्ली वाले जल्दी सीख लेते हैं बस एक अच्छी पहल की जरुरत है......

शनिवार, 19 सितंबर 2009

कशमकश......

आल इंडिया रेडियो से लेकर अखबारों से लेकर यहाँ तक का सफर काफी उतार चदाव का रहा......मगर काफ़ी कुछ सीखने को मिला और कुछ करने की प्रेरणा भी मिली जो बहुत जरुरी टोनिक होती है किसी की जिंदगी में ...खैर...
रिपोर्टिंग से डेस्क पर हुए एक साल से ऊपर हो गया है......लगातार नौकरी करते हुए...इस दौरान कई तरह के उत्तर चढाव देखे....अपने पराये हुए पराये अपने नही हो सके..लेकिन एक सकूं तो रहा दिल में की किसी का बुरा नही किया...जिसने समझा अची बात नही समझा वो भी अची बात है...दोस्त पता नही कहा हैं...परिवार घर पर है लेकिन समय नही दे प् रहा होऊं , काम करने की आदत सी पड़ गई है...और अचा लगता भी है...में भी यही चाहता था...पर कभी लगता है श्याद कुछ ग़लत हो रहा है...दिखाई नही देता लेकिन कुछ न कुछ तो है....सोच रहा होऊं दशहरे पर घर जाने की...काफी समय हो गाय है...वादियाँ देखे हुए..अपने लोगू से बात करने का जी करता है...दूर शहर से शांत माहौल में जाने का जी करता है......जो भी है....इंतज़ार तो है कुछ अपने पण का...जॉब ऐसा है...कोई चीज़ अची नही लगती बल्कि लगता है कुछ बचा ही नही है दुनिया देखने को , करने को,जाने को ....पत्रकार की जिंदगी पता नही क्योँ प्यासी सी रहती है.....अपने आप में यह एक कभी न पुरा होने वाला प्रश्न भी है और उत्तर भी.....फ़िर कर्म में बिश्वास करता होऊं इसलिए करे जा रहे होऊं, इश्वर देखता है क्या ठीक है क्या ग़लत.....कुछ अचा करना चाहता होऊं समाज के लिए...पता नही कर पाऊँगा या नही लेकिन जो भी है...अपने आप से नाराजगी तो है...कोशिश कर रहा होऊं जल्द ही दूर हो जाए..कुछ लोग अपने हैं...और फिलहाल दूर हैं...न अता है न पता....लेकिन में उन्हें बहुत मिस करता होऊं .....पता नही दुबारा वे मिल पाएंगे या नही ....कहा होंगे किस हाल में होंगे.......पता नही....इश्वर उन्हें खूब खुसी दे..और भरपूर सफलता....कामना यही करता होऊं...

चीन की दुस्साहस ...........

'हिन्दी चीनी भाई भाई 'शायद ये शब्द हर किसी भारतीय ने सुने होंगे....लेकिंग समय के साथ ये अब 'हिन्दी चीनी बाय बाय 'ज्यादा प्रतीत हो रहे हैं...अभी हाल में चीन ने जो कदम उठाये और जिस तरीके से वह कम कर रहा है वह अपने अपने आप में आने वाले समय के लिए कूतिनितिक और रणनीतिक आधार पर खतरनाक हो सकते हैं...चीन ने नेहरू जी को बेवकूप बना कर यह नारा दिया और पीछे से हमले की तयारी कर डाली...वही दूसरी तरह चीन का इतिहास देखा जाए तो उसने हमेशा से विश्व में ऐसे देश को मदद दी है जो साम्यवाद का समर्थन करता हो ..दक्षिण कोरिया, लीबिया ,पक्सितन जैसे कई देश हैं जिन्हें चीन ने पुरी तरह से समर्थन दिया और उस इलाके में एक तरह से हालात को उथल पुथल बनाने में अपनी और से कोई कसं नही छोड़ राखी है....खैर भारत के नजरिये से देखे तो अपने आप में यह कोई नही बात नही है...कूतिनितिक स्तरपर देखे तो हमेसा से चीन ने मतलब परस्ती दिखाई है..और भारत के ख़िलाफ़ रहा है...अभी हाल ही में चीन में जो स्वेट पत्र जरी हुआ है और उसमे भारत के टुकड़े करने का अंदेशा जो सामने आया है वो आने वाला समय में बहुत घटक हो सकता है और भारत को इस बारे में जल्द सोचना होगा...सरकार चाहे जितना कह ले , मामला टालने की कोशिश कर लेकिन हकीकत से मुह नही मोडा जा सकता है .....सरकारी अधिकार्यौं की बयान बजी एक तरफ़ और वह क्या पाक रहा है वो एक तरफ़....लद्दाख,अरुणाचल,सिक्किम,उत्तरखंड,हिमांचल सभी जगह उथल पुथल सी स्थित हो रखी है...सेना हो या गुप्त चार बिभाग सभी गुपचुप तरीके से दौरे करने में लगे हुए हैं..और होना भी चैये लेकिन देश की जनता को सब कुछ पता होना चाहिए....अभी तक हम पाकिस्तान से परेशान थे और अब चीन खुले तौर पर अपनी हरकत से दक्षिण एशिया में अशांति फैलाने में कोई कसार नही छोड़ रहा है....पाकिस्तान को परमाणु शक्ति बनाने में मदद और यूध पोत दे कर वो अपनी मंशा ज़ाहिर कर भी चुका है.....भारत को अन्तार्रस्त्रिये मंच पर चीन हरकत का खुले तौर पर जवाब और परिचय देना चाइये....न की दबे जुबां से कारवाही करनी चाइये...

Дели: правительство Индии вводит запрет на 59 китайских приложений, включая работу Tiktok в Индии, в том числе UC Brozer

-Collab на Facebook может заменить Tik Tok, может скоро запустить Collab в Индии -Решение заставило китайские технологические компании сд...