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भारतीय जनता पार्टी आंखिर मंथन के दौर से बहार निकल ही गई, हेवी वेट नेताऊ को छोड़ कर नए नवेले नितिन गडकरी को पार्टी का रास्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है....आंखिर संघ ने फिर से पार्टी की नाक दबाई, और अपना काम कर दिया...गडकरी को पडोसी होने के फ़ायदा भी मिला संघ का ...खैर ये तो इत्तेफाक की बात है....आंखिर संघ को भी देर सबेर समझ आ ही गया....भाजपा के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा है कि वे केन्द्रीय राजनीति के लिए नए है और पार्टी ने उनके कंधों पर बडी जिम्मेदारी सौंपी है। जिसे वे आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन में पूरी करने की कोशिश करेंगे।अडवाणी कितना साथ देते हैं और आशीर्वाद ये दो सालू में देखने को मिलेगा लेकिन अडवाणी के लिए भी यह एक खतरे की घंटी है...राजनाथ सिंह तो गाजिआबाद में ही सिमट के रह गए हैं अब...गडकरी अडवाणी से मिलने गए थे और वेंकियाह नायडू भी साथ में थे...खैर एक बात तो है आने वाले दिनू में भारतीय जनता पार्टी के लिए देखने वाले दिन होंगे....52 वर्षीय नितिन गडकरी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले महाराष्ट्र में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे. वो महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य भी हैं.जन्म महाराष्ट्र के नागपुर ज़िले में एक ब्रह्मण परिवार में हुआ. और उन्होंने एलएलबी और एमकॉम तक की शिक्षा ली है। चुनाव आयोग ने उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था, चुनाव के दौरान उन्हूने मनमोहन सिंह के खिलाफ आप्पति जनक टिपण्णी की थी.....एक बात तय है राजनीती के केंद्र रहे उत्तर परदेश बिहार जैसे राज्य अब काफी पीछे रह गए हैं , रास्ट्रीय राजनीती में महारास्त्र अब इन सबमे ऊपर आ गया है...चाहे मनसे हो , शिव सेना हो या फिर अब नितिन गडकरी के रूप में भारतीय जनता पार्टी ...केंद्र बिंदु राजनीती का महारास्त्र....! अगले दो साल तक कोई बड़ा चुनाव भी नहीं है...और वैसे भी अभी वरिष्ठ नेताऊ की भड़ास तो निकलनी बाकी है....फिर राहुल बनाम नितिन की लड़ाई तो रहेगी ही ...दोनु युवा हैं और अच्छे पढ़े लिखे भी.....देखते रहिये होता है क्या ......
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