
अवकास होने के कारण आज ' चेरी का बगीचा ' अन्टानी चेकोव का लिखा हुआ नाटक देखने जा रहा हूँ.....एन एस डी ,मंडी हाउस, देखते हैं कैसी प्रस्तुतीकरण होती है.......
कुल मिला कर गया....और जो प्रस्तुती थी , शब्दों में बयां नहीं कर सकता..सुन्दर जैसे रूस का एक परिवार और वहां की झलक पुरी तरह देखने को मिल रही थी....वाद संवाद सुन्दर थे...स्पष्ट थे.....अभिनय की दृष्टि से देखा जाये तो उत्तम कहूँगा...और काफी समय बाद उस प्रागण में जाना अपना जैसा लगा......अकेले था इसलिए और भी अच्छा लगा समझने में और देखने में.....!
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