उत्तराखण्ड का प्रसिद्द 'घस्यारी नृत्य' देखेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पत्नी मेलानिया संग-
ऋषिकेश : 24 फ़रवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पत्नी मेलानिया के साथ दो दिन के भारत दौरे पर आ रहे हैं. ट्रम्प सीधे अहमदाबाद जाएंगे वहां पर प्रधानमंत्री मोदी के अलावा लगभग 1 लाख से ज्यादा लोग कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.ट्रम्प के सामने भारत के अलग-अलग हिस्सों से लोक कलाकार अपना रंगारंग कार्यक्रम पेश करेंगे. उसी कड़ी में उत्तराखण्ड से भी महिला प्रधान 'घस्यारी नृत्य' का मंचन होगा. देवभूमि उत्तराखण्ड के लिए यह गौरव की बात है. इस मंचन से उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति में और चार चाँद लगेंगे. विश्व में लोग जानेंगे और उनको एक अवसर मिलेगा देवभूमि की लोक संस्कृति को अधिक से अधिक जानने का . इसके लिए उत्तराखंड से 8 सदस्यीय दल को भारत सरकार की संस्कृति मंत्रालय की ओर से निमंत्रण मिला है. उत्तराखण्ड के प्रसिद्द लोक कलाकार नत्थीलाल नौटियाल के नेतृतव् और निर्देशन में यह कार्यक्रम का मंचन होगा.
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ट्रम्प पहली बार भारत यात्रा पर आ रहे हैं उनके साथ उनकी पत्नी मेलानिया ट्रम्प भी रहेंगी.अहमदाबाद में उनका 22 किमी का रोड शो भी होना है. ट्रंप को इस यात्रा के दौरान भारतीय संस्कृति की झलक दिखाने की योजना भी संस्कृति मंत्रालय ने बनाई है इसी कड़ी में उत्तराखण्ड से यह दल भी जा रहा है अहमदाबाद. इसके लिए तीन पर्वतीय राज्यों को चुना गया है. तीन राज्य हैं उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश व मणिपुर शामिल हैं. उत्तराखंड को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की तरफ से घस्यारी लोक नृत्य की प्रस्तुति देने के लिए आमंत्रित किया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 24 और 25 फरवरी को अहमदाबाद और नई दिल्ली की यात्रा पर आएंगे. मोदी-ट्रम्प 24 फरवरी को रोड शो करेंगे, साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे. 25 फरवरी को ट्रम्प और उनकी पत्नी दिल्ली पहुंचेंगे और प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे. अहमादाबाद में ट्रम्प सरदार पटेल स्टेडियम का उद्घाटन भी करेंगे. ‘केम छो ट्रम्प’ कार्यक्रम अहमदाबाद में नवनिर्मित सरदार पटेल स्टेडियम में होगा. इसमें ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड से भी ज्यादा 1 लाख 10 हजार लोगों के बैठने की क्षमता है.यह विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट ग्राउंड है. ट्रम्प इस स्टेडियम का उद्घाटन करेंगे. इस कार्यक्रम में एक लाख से ज्यादा लोग मौजूद रहेंगे. केम छो कार्यक्रम से पहले मोदी और ट्रम्प रोड शो करेंगे और साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी को श्रद्धाजलि देने पहुंचेंगे. मेलानिया ने ट्वीट भी किया है यात्रा के सम्बन्ध में.
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घस्यारी का मतलब -
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घस्यारी का मतलब घास काटने वाली महिला. महिलायें पर्वतीय क्षेत्र में जंगलों में अपने पालतू जानवरो के लिए घास काटने जाती हैं और आपस में एक दूसरे से हंसी मजाक, चर्चा अपने जीवन की बातें नाच-गाने के रूप में करती हैं और अपनी कठिन जीवन शैली को सरल बनाती हैं मनोरंजन के माध्यम से. यही घस्यारी नृत्य के माध्यम से दिखाया जायेगा. महिलाओं के पीठ पर कंडी या डोका या टोकरी होती है और हाथ में दराती घास काटने के लिए. कंडी रिंगाल की बनी होती है जिसमें घास काट कर डाली जाती है. इसको उत्तराखण्ड का प्रमुख महिला प्रधान नृत्य कहा जाता है इसमें लगातार महिलायें गाने गा कर और और नृत्य कर प्रस्तुति देती हैं.
कौन हैं नत्थी लाल नौटियाल -
हमसे बात करते हुए नौटियाल ने अपने संघर्ष के बारे में काफी कुछ बताया. वे काफी मजे हुए कला प्रेमी हैं. लोक कला और संस्कृति के अच्छे जानकार हैं. भागीरथी कला संगम समिति के संस्थापक एवं लोक कलाकार नत्थीलाल नौटियाल देश विदेशों में पिछले 40 वर्षों से लोक कला को संरक्षण और प्रस्तुति का काम करते आ रहे हैं. वे नृत्य और गायन के कुशल कलाकार हैं. शुरुवाती दौर पर अध्यापन करते थे. लेकिन कला संस्कृति में विशेष रूचि होने की वजह से वे इससे जुड़ गए. नौटियाल के निर्देशन में 8-सदस्यीय दल घस्यारी लोक नृत्य की प्रस्तुति देने अहमदाबाद जा रहा है. राजपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में वर्ष 1995, 1998, 2007, 2009, 2000, 2014, 2017 व 2018 में उन्होंने घस्यारी नृत्य की प्रस्तुति दी. दिल्ली में वर्ष 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स के उद्घाटन पर भी यह नृत्य प्रस्तुत किया गया था. 1991 में चेन्नई में पोंगल से मंचन प्रस्तुति शुरू करने वाले नौटियाल अब तक देश विदेश में सैकड़ों कार्यक्रम प्रस्तुत कर चुके हैं.जिनमें पूर्व रास्ट्रपति डॉक्टर एपीजी अब्दुल कलाम भी हैं अटल बिहारी बाजपेई भी हैं. इस दल में लोक कलाकार दीपिका पंत, सपना ,मोनिका आर्य, राकेंद्र रौथाण, अंकित भट्ट, रोहित, हिमांशु शमिल हैं. नौटियाल ने बताया की कि गढ़वाली लोक गीत हे दिदी, हे भुली, हे ब्वारी, घास काटण जौला पल्या सारी गीत पर दल पांच मिनट की प्रस्तुति देगा. सभी कालाकाकर उत्तराखंड की परम्परिक आंचलिक वेशभूषा में होंगे. नौटियाल अब तक देश के कई शहरों और विदेशों में भी इस नृत्य की प्रस्तुति दे चुके हैं. कुमाऊं, गढ़वाल और जौनसार क्षेत्र की लोक कला को बढ़ावा देना,संरक्षण करना और लोगों तक उस लोक-कला को पहुंचाना उनका प्रमुख लक्ष रहा है. वर्तमान में अपने परिवार के साथ ऋषिकेश में रहते हैं उनके दो बेटे हैं. उनके परिवार के अन्य सदस्य भी इस निपुण कार्य में उनका साथ देते हैं.
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