देवभूमि उत्तराखण्ड की पुलिस जिसे मित्र पुलिस भी कहा जाता है. ऐसे में उत्तराखण्ड पुलिस की जिम्मेदारी और अहम हो जाती है पुलिस के साथ मित्रता शब्द जुड़ने से. आपदा ग्रस्त राज्य होने के कारण पुलिस पर हमेशा दवाब बना रहता है.क्योँकि कोई भी घटना होती है सबसे पहले आम जनता पुलिस को ही सूचित करती है. पुलिस सबसे पहले पहुँचती हैं और मामले से सम्बंधित बिभाग और अधिकारी को सूचित करती है. अधिकतर आप खबरें देखते होंगे जिसमें पुलिस का अमानवीय चेहरा अधिक दिखाई देता है. लेकिन देवभूमि उत्तराखण्ड की पुलिस इससे विपरीत है. काम से भी नाम से भी. वर्तमान में कोरोना जैसी महामारी को देखते हुए पुलिस की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. लॉक डाउन के हालत में पुलिस कर्मी, अधिकारी अपने घर,परिवार को छोड़ कर आम जन को अपना परिवार मान कर चलती है और उसी अनुसार काम भी करती है. जो भी उत्तराखण्ड आता है वह यहाँ की पुलिस की तारीफ जरूर करता है. चाहे वो पर्वतीय क्षेत्र में हो या मैदानी क्षेत्र में. पुलिस का स्वाभाव, स्वरुप एक जैसा दिखाई देता है. वैसे भी पुलिसिंग थैंक्सलेस जॉब है, इसलिए अपने काम पर फोकस रखना पड़ता है. क्योँकि, तारीफ तो कहीं से मिलेगी नहीं. लोग तो कह देंगे ये आपकी ड्यूटी है. उसी 'ड्यूटी' को बखूबी निभा रही है उत्तराखंड की पुलिस.
ये कुछ तस्वीरें हैं जो अलग-अलग जनपदों की हैं.जिसमें पुलिस ने केवल वर्तमान में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के चलते आम जान, गरीब, बेसहारा लोगों की मदद कर रही है बल्कि ऐसे काम करके अपना नाम भी कमा रही है. यही कर्म और सेवा भाव उत्तराखण्ड की पुलिस को अलग श्रेणी में रखता है.
उत्तराखंड के DG L/O अशोक कुमार का जवानों को निर्देश-
लॉकडाउन में लोगों के प्रति हैल्पिंग और मानवीय दृष्टिकोण अपनाएं। हमें पुलिस ज्यादती की शिकायतें नहीं आने देनी हैं। हमें संयम और सतर्कता को नहीं खोना है। हमारी छवि सकारात्मक होनी चाहिए क्योंकि ये सब हम जनता के लिए ही कर रहे हैं।
हरिद्वार की पुलिस का कहना है. शहर भले ही लॉकडाउन पर है, पर हम अपना काम कर रहे हैं। लॉकडाउन के बीच हरिद्वार में पुलिस के जवान मजबूर, निर्बल, असहाय लोगों की सेवा में लगे हुए हैं। पुलिसकर्मियों ने जरूरतमंद लोगों को खाने पीने व आवश्यक सामग्री मुहैया करायी गयी. ऐसे में भूखे को खाना मिल जाए उससे बढ़कर और क्या होगा.
जनपद पौड़ी गढ़वाल की पुलिस को देखिये. इन्होने निभाया मानवता का धर्म असहाय व गरीब लोगों को वितरित की गयी खाद्य सामग्री बंद के दौरान. ऐसे में कौन इनको आशीष नहीं देगा. एसएसपी पौड़ी दलीप सिंह कुंवर के आदेसुनासर पुलिस कर्मियों को अलग अलग-जगह पर गरीब, असहाय लोगों को खाद्य सामिग्री वितरित की गयी और आगे भी की जाएगी करके जानकारी दी गयी.
ये हैं उधम सिंह नगर के पुलिस कर्मी , "बच्चों को चेहरे की खुशी और आंखों की चमक से लॉकडाउन ड्यूटी की सारी थकान ही दूर हो गयी।" जानिए ऐसा क्या हुआ ऊधमसिंहनगर के किच्छा में SI रमेश चन्द्र बेलवाल के साथ। चेकिंग के दौरान एक पिता अपने बच्चों को लेकर अपने घर जा रहा था क्योँकि वहां काम बंद हो गया था, उसने बताया रमेश चंद्र बेलवाल को कि उसने और उसकी दो बेटियोँ ने खाना नहीं खाया है 24 घंटे से, साइकिल में हल्द्वानी से किच्छा जा रहा था अपने घर लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पड़ती है. ऐसे में सभी पुलिस कर्मियों ने आपस में योगदान कर आर्थिक सहायता पीड़ित ब्यक्ति को दी गयी. कोरोना वायरस से बचने के लिए बताया गया. उनको सेनिटाइज किया गया. बच्चियों को टॉफी दी गयी. निसंदेह, इसको कहते हैं मित्र पुलिस.
नैनीताल के ज्योलीकोट में तैनात पुलिस : लॉकडाउन के दौरान नैनीताल के ज्योलीकोट में तैनात पुलिस के जवानों द्वारा सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों के ग्राम सीमलखेत एवं बेलवाखान जो मुख्य मार्ग से लगभग 2 किमी दूर थे, पैदल जाकर गरीब एवं असहाय परिवारों को उनके घर पर आवश्यक खाद्य सामग्री वितरित की गयी। पहाड़ में पैदल चलना कितना मुश्किल होता है और वो भी २ किलोमीटर. मैदान का किलोमीटर और पहाड़ का किलोमीटर कैसा होता है आप अंदाजा लगा सकते हैं. शारीरिक कष्ट के बावजूद जवान इतनी दूर गए और मदद की तारीफ के लायक है.
वीडियो है /स्क्रीन शॉट
सरोवर नगरी नैनीताल की पुलिस, इन्होने जरूरतमंद और असहायों की मदद के लिए अपने हाथ आगे बढाए. मित्र पुलिस का फर्ज निभाया. लॉकडाउन के दौरान ..ये लोग कहाँ से भोजन पाते? आखिर पेट की भूख मिटानी सब को है. पुलिस के जवानों द्वारा गरीब व असहाय लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गयी।जिसे सभी ने सराहा. ऐसे में पुलिस के अलग तस्वीर सामने आयी उन आँखों के आगे जो बेबस थे.
पिथौरागढ़ पुलिस-यहाँ पर पुलिस द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग को बढ़ावा देने के साथ-साथ असहाय और जरूरतमंदों के लिए खाने की व्यवस्था की गयी. आप देख सकते हैं तस्वीरों में. कैसे ये लोग मदद कर रहे हैं. जिसमें जानकारी दे कर जागरूक भी कराया जा रहा है और बेबस लोगों को मदद भी की जा रही है. कैसे पुलिस कुमाउँनी बोली में पंक्तियाँ लिख कर दिखा रही है. "हम आपके खातिर काम कर रहे हैं और आप हमारे खातिर घर में रहिये'. खुद एसपी प्रियदर्शिनी कमान संभाली हुई हैं, आम लोगों को जानकारी दे रही हैं आपको कैसे रहना है इस बीमार की रोकथाम के लिए क्या-क्या करना है. साथ ही लोगों को एक दूरी पर बैठा कर सोशल डिस्टेंसिंग की जानकारी भी दे रही है. कैसे आपको एक दूसरे से कितनी दूरी पर बात करनी है इत्यादि .
उधम सिंह नगर पुलिस : कोई नहीं रहेगा भूखा, हम हैं ना...ये पंक्ति काफी कुछ महसूस करवाती है. लॉकडाउन के दौरान रुद्रपुर के मोदी ग्राउंड, रोडवेज क्षेत्र में झुग्गी-झोपड़ियों में निवासरत निर्धन एवं असहाय व्यक्तियों को ससपी उधम सिंह नगर के आदेसुनासर /द्वारा घरेलू एवं आवश्यक खाद्यान्न सामग्री दी गई। पुलिस के इस काम से ये लोग एक नयी उम्मीद लगाएंगे उन्हें लगेगा की कोई तो है उन्हें पूछने वाला. कानून ब्यवस्था बनाये रखने के साथ साथ उधम सिंह नगर जैसे भीड़-भाड़ और औद्योगिक जनपद में ऐसा काम करना चुनौती पूर्ण तो है ही. लेकिन पुलिस कर्मियों के काम की तारीफ.
देहरादून पुलिस : लॉकडाउन के दौरान राजधानी देहरादून पुलिस की यही सोच रहती है कि जनता को किसी भी तरह की असुविधा न हो इसके लिए उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा पुलिस लाइन में कोविड-19 कंट्रोल रूम बनाया गया है, जो 24 घंटे कार्यरत रहेगा। ये हैं हेल्पलाइन नंबर 0135-2722100 और व्हाट्सएप नंबर 9997954800 रहेगा. राजधानी में देश विदेश से लोग आते जाते रहते हैं. सभी राज्यों के लोग राजधानी में रहते हैं. ऐसे में कब क्या हो जाये कुछ कहा नहीं जाता. देहरादून पुलिस इस मामले में सजग रहती है. एसएसपी अरुण मोहन जोशी के नेतृत्व में पुलिस नए-नए शानदार कामों को नए तरीके से अंजाम दे रही है जिसकी सब जगह तारीफ हो रही है.
अरुण मोहन जोशी, एसएसपी देहरादून
बागेश्वर पुलिस : कुमाऊं की काशी कहा जाने वाला बागेश्वर. यहाँ पर पुलिस बेसहारा लोगों को मिलकर उनसे उनके बारे में जानकारी हासिल कर उनको मदद कर रही है. लॉकडाउन के दौरान कानून व्यवस्था बनाये रखने के साथ साथ बेसहारा व असहाय लोगों की हर तरह जो बन पड़ता है सहायता कर रही बागेश्वर पुलिस।
देहरादून पुलिस के सब इंस्पेक्टर लोकेन्द्र बहुगुणा : ये हैं देहरादून पुलिस के सब इंस्पेक्टर लोकेन्द्र बहुगुणा, लक्ष्मण चौक में तैनाती है इनकी. ये कई दिनों से अपने घर परिवार से नहीं मिल पाए . जैसा आप जानते हैं ड्यूटी पुलिस कर्मियों कि पहले परिवार बाद में. जब घर आये तो खाना भी बाहर ही खा पाए. क्योँकि पता नहीं कितने ब्यक्तियों से मिलते हैं, मिले हैं, परिवार की सुरक्षा जरुरी ऐसे में बाहर से खाना खा कर लौट गए. पुलिस के जवान आपकी सेवा व सुरक्षा में खुद की परवाह न करते हुए तन्मयता से लगे हुये हैं। पुलिस के जवान कर्तव्य और रिश्तों के बीच कश्मकश में हमेशा कर्तव्य को अहमियत देते हैं।कर्तव्य पालन और सेवा धर्म दोनों एक साथ-
अल्मोड़ा की पुलिस : सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में पुलिस के के जवान द्वारा लाॅकडाउन ड्यूटी के साथ-साथ गरीब और असहाय लोगों के लिए पुलिस मैस से खाने की व्यवस्था की गयी।इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है. खुद पुलिस के अधिकारी और जवान खाना ले जा रहे हैं गरीब लोगों के लिए.
देहरादून की देवदूत पुलिस : बुजुर्ग महिला के लिए देवदूत बनी पुलिस, घर पर लाकर दी दवा..नेहरू कालोनी में एक बुजुर्ग महिला ने कॉल एवं मैसेज कर अपनी BP की दवा अनिवार्य रूप से चाहने हेतु निवेदन किया। जिस पर SI दिलवर सिंह नेगी उनके घर गए, पर्चे लिए और उनके घर पर लाकर दवा दी। इससे बढ़कर और क्या हो सकता है पुलिस कर्मी आपके घर आया और दवा आपको ला कर दी. उस महिला का आशीर्वाद मिलना तय है.
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हरिद्वार में IRB के जवानों की मदद : घबराओ मत उत्तराखण्ड पुलिस है न, ये कहना है जवानों का. लॉकडाउन के दौरान असहायों एवं बेसहारा लोगों को हरिद्वार IRB के जवानों द्वारा सामूहिक किचन लगाकर खाना खिलाया गया. धर्म भी हुआ कर्म भी और पुलिस की ड्यूटी भी वो भी धर्म नगरी हरिद्वार में.
टनकपुर पुलिस : घबराओ मत अम्मा, हम हैं ना"..ये कहना है बिहारी लाल का. उत्तराखंड पुलिस के जवान बिहार लाल लॉकडाउन के बीच टनकपुर में बेसहारा बुजुर्ग महिला की मदद को आगे आए . बेसहारा बुजुर्ग महिला के लिए खाने की व्यवस्था की और विश्वास दिलाया कि अम्मा को हर दिन खाना पुलिस के मैस से खिलाया जाएगा। अम्मा के लिए बिहारी लाल भगवान के रूप में आये ऐसा लग रहा होगा. भूखे को खाना जो मिल गया. और क्या चाहिए. तारीफ बिहारी लाल की.
चम्पावत पुलिस का पोस्टर : क्या क्या लोगों को चाहिए, कैसे संपर्क करना है यह सब चम्पावत पुलिस ने पोस्टर के जरिये लोगों के सामने रखा है. देखिये कैसे सब कुछ जानकारी दी गयी है इस पोस्टर में. जनपद चम्पावत पुलिस उपलब्ध करायेगी अति-आवश्यकीय समान.
हरिद्वार पुलिस का SD : कोरोना वायरस से बचने का सबसे आसान उपाय सोशल डिस्टेंस है। हरिद्वार में पुलिस के जवानों ने आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी करने आये लोगों को एक मीटर फासले पर व्यवस्थित तरीके से किया खड़ा। सोशल डिस्टेंस अपनाएं, कोरोना वायरस को भगाएं।
एक बड़ी चुनौती हमारे सामने है। इस कठिन घड़ी में उत्तराखण्ड पुलिस आपकी सुरक्षा के लिए मुस्तैद है। इस चुनौती से निपटने के लिए हमें आपके सहयोग की जरूरत है। कृपया घर से बाहर न निकलें। घर में रहे सुरक्षित रहें और पुलिस का सहयोग करें।