-लॉकडाउन के बीच कुछ ही घंटों में समाप्त हुआ बजट सत्र
-कोरोना वारियर्स का सरकार करेगी बीमा
देहरादून : विधानसभा का बजट सत्र आज कुछ ही घंटों में समाप्त हो गया. लॉकडाउन को देखते हुए विधानसभा के बजट सत्र का शेष उपवेशन एक दिन यानी बुधवार को हुआ. विधानसभा के संक्षिप्त सत्र में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए सभी विभागों की अनुदान मांगों समेत 53526.97 करोड़ रुपये का बजट पारित किया. विधानसभा सत्र में आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घोषणा की की कोरोना वारियर्स यानी को जो इस समय पर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं के लिए इलाज में सरकार वीएम कवर प्रदान करेगी. सरकार निकाय कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मचारियों, डॉक्टरों, नर्सों, पर्यावरण मित्रों, पुलिस कर्मचारियों और मीडिया कर्मियों के लिए बीमा की सुविधा प्रदान करेगी. अब जबकि, कोरोना वायरस से बचाव के क्रम में राज्य में लॉकडाउन घोषित किया गया है तो इसके दृष्टिगत सत्र की अवधि भी सीमित कर दी गई है. सत्र इसलिए अनिवार्य था, क्योंकि इसमें बजट पास होना है. विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल के अनुसार कार्यमंत्रणा में तय किया गया कि सदन की कार्यवाही के दौरान सिर्फ विनियोग विधेयक पास किया जाएगा. प्रश्नकाल के साथ-साथ नियमों के अंतर्गत सभी प्रकार की सूचनाओं नहीं ली जाएंगी. यानी, विनियोग विधेयक पास करने के अलावा अन्य सभी विधायी कार्य निषेध किए गए.
ऐसे हालात में डॉक्टर और नर्सों को जॉइनिंग दी जानी चाहिए जल्द से जल्द-
ऐसे हालात में डॉक्टर और नर्सों को जॉइनिंग दी जानी चाहिए जल्द से जल्द-
यह अच्छी बात है कोरोना वारियर को बीमा की सुविधा देगी सरकार. लेकिन इसमें स्वास्थ्य कर्मी जो हैं जो निजी हॉस्पिटल में करते हैं काम..डॉक्टर हों या नर्सें, या सफाई कर्मी. उनको भी सुविधा देनी चाहिए बीमा की, एकतरफा फैसला क्योँ ? उनके लिए बिमारी अलग है क्या ? क्या वे इंसान नहीं हैं. वे भी मरीज के साथ हैं.उपचार में लगे हैं. इतनी बड़ी हेल्थ एमरजेंसी के समय सब लड़ रहे हैं एक साथ.केवल सरकारी कर्मी देखकर इसमें फैसला नहीं होना चाहिए.ऐसे में निजी हॉस्पिटल में या कॉन्ट्रैक्ट या आउटसोर्स से काम करने वाले कर्मचारियों का मनोबल टूटेगा. दूसरा, प्रदेश में नर्सों की भर्ती नहीं हो पाई है लम्बे समय से, ऐसे समय में राज्य को अब हेल्थ स्टाफ चाहिए. सरकार को इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए और जल्द से जल्द. अब जो पुराने नर्सें हैं प्रदेश में या बाहर काम कर रही हैं.
अगर वे उत्तरखंड नर्सेस काउंसिल में रजिस्टर हैं तो उनको तत्काल प्रभाव से बुला कर ज्वाइन करवा देना चाहिए. ताकि राज्य में हेल्थ स्टाफ की कमी न हो. राज्य की हालत हेल्थ के मामले ठीक नहीं है बल्कि काफी बदतर है. कई जगह पर डॉक्टर, नर्स की जगह फार्मासिस्ट उपचार कर रहा होता है. कहीं-कहीं पर तो स्टाफ ही नहीं है. डॉक्टर पहाड़ जाना नहीं चाहते हैं. क्योँकि उनको दूसरे शहरों में अच्छी सुविधा के साथ नौकरी मिल जाती है. नर्सों की भर्ती की नहीं लम्बे समय से.
अगर वे उत्तरखंड नर्सेस काउंसिल में रजिस्टर हैं तो उनको तत्काल प्रभाव से बुला कर ज्वाइन करवा देना चाहिए. ताकि राज्य में हेल्थ स्टाफ की कमी न हो. राज्य की हालत हेल्थ के मामले ठीक नहीं है बल्कि काफी बदतर है. कई जगह पर डॉक्टर, नर्स की जगह फार्मासिस्ट उपचार कर रहा होता है. कहीं-कहीं पर तो स्टाफ ही नहीं है. डॉक्टर पहाड़ जाना नहीं चाहते हैं. क्योँकि उनको दूसरे शहरों में अच्छी सुविधा के साथ नौकरी मिल जाती है. नर्सों की भर्ती की नहीं लम्बे समय से.
पलायन भी रुकेगा रोजगार भी मिलेगा-
राज्य के बेरोजगारों को नौकरी मिलने पर प्रदेश से काफी हद तक पलायन भी रुकेगा और लोगों को रोजगार भी मिलेगा. मुख्यमंत्री रावत खुद हेल्थ मिनिस्टर भी हैं वे खुद इस बात को जानते हैं. अच्छे फैसले सरकार अगर लेती है तो सभी तारीफ करेंगे. एक दो या तीन महीने के लिए सरकारी बजट देख कर फैसले लेंगे तो आगे भी हेल्थ इमरजेंसी के समय प्रदेश सम्भल नहीं पायेगा. एक दो या तीन महीने के लिए कौन कर्मी आएगा ? और आएगा तो वह बेमन से काम करेगा. क्योँकि उसके दिमाग में एक बात होगी कि कुछ समय बाद उसे हटा दिया जायेगा. ऐसे में डॉक्टर या नर्सें किस मन से काम कर पाएंगी ? यह सोचनीय विषय है. राज्य में काफी डॉक्टर और नर्सें हैं जो बेरोजगार हैं जिन्होंने कई वर्ष पपढ़ाईा बीएसी नर्सिंग कर रखी है लेकिन नौकरी नहीं होने की वजह से वे निजी हॉस्पिटल में बेमन से काम कर रहे हैं. वहां उनको न सुविधा मिल प ाती है न ठीक ठीक वेतन. ऐ वृत कर्मियों की सेवा ली जा सकती है.
सरकार को सेवानिवृत स्वास्थ्य कर्मियों की भी सेवा लेनी चाहिए.
जो कुछ वर्ष पहले सेवानिवृत हुए हैं और वे अगर काम कर सकने के काबिल हैं तो उनसे सेवा ली जा सकती है. लेकिन इसकी जरुरत नहीं पड़ेगी अगर बेरोजगार या अन्य जगहों पर गए अपने राज्य के डिप्लोमाधारी, डिग्रीधारी हेल्थ स्टाफ की भर्ती जल्द से जल्द कर दें तो. इससे राज्य को हेल्थ के मामले में काफी मदद मिलेगी. राज्य को हेल्थ के मामले में मजबूत करने कि जरुरत है. बाकी चीजें बाद में आती है. अगर राज्य के लोगों को उपचार समय पर नहीं मिल पायेगा और वह ज़िंदा ही नहीं रहेगा तो बाकी चीजें किस काम की.
सत्र से पहले स्कैनिंग सभी की हुई -
आज सत्र प्रारंभ होने पर कोरोना वायरस के संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए सभी मंत्री, विधायकों, सदस्यों, अधिकारियों, कार्मिकों एवं आगंतुकों को सैनिटाइज किया गया साथ ही मास्क उपलब्ध कराकर मेडिकल टीम द्वारा थर्मल स्कैनिंग जांच करवाई गई ! जिनमें खुद विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल भी थे.
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