ब्यवस्था करने में प्रशासन के फूले हाथ पाँव, स्कैनिंग के बाद भेजा जा रहा है घर, स्थानीय मेयर और तहसीलदार भी पहुंची मौके पर...
ऋषिकेश: कोरोना वायरस से बचने के लिए जैसे ही सरकार ने लॉकडाउन का ऐलान हुआ पहाड़ की रहने वाली जनता अपने घरों को जाने के लिए दौड़ पड़े. इससे पहले 22 मार्च को जनता के कर्फ्यू के दौरान लोग जैसे तैसे होटलों या अपने रिश्तेदारों के यहाँ रुके रहे. जैसे ही सोमवार को सुबह थोड़ा बहुत बाजार खुला जनता बस अड्डे की तरफ एकत्रित हो गयी. क्योँकि पहाड़ जाने के लिए कोई सुविधा न होनी की वजह से बस लेने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी. लेकिन बसें भी नहीं चल रही हैं. ऐसे में स्थानीय प्रशासन के हाथ पाँव फूल गए. वैकल्पित व्यवस्था करने केलिए प्रशासन लगा हुआ है.
इस बीच स्थानीय मेयर अनीता ममगाईं भी पहुंची और लोगों को घरों को भेजने के लिए ब्यौवस्था करवाई और लोगों को घर भिजवाया. नगर निगम ने लोगों को भोजन की ब्यावस्था करा कर उनके घरों को भेजा. स्थानीय अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और जिसमें तहसीलदार रेखा आर्य भी थी.
स्थानीय मेयर अनीता ममगाईं और तहसीलदार पहुंची मौके पर
एहतियातन कोई संक्रमित न हो इसलिए सभी लोगों को पंक्ति में खड़ा किया गया है.पुलिस सब के नाम और पते दर्ज कर रही है. तहसीलदार रेखा आर्य ने कहा कि सभी को एम्स की टीम जांच करेगी फिर बसों द्वारा इनको इनके घरों को भेजा जायेगा. यहां इनकी थर्मल स्कैनिंग और आवश्यक जांच कराने के बाद, जिसे भी चिकित्सकों की क्लीन चिट मिलेगी उसे गढ़वाल मंडल के विभिन्न क्षेत्रों के लिए बसों के द्वारा भेजे जाने की व्यवस्था की जा रही है.अधिकतर वे लोग हैं जो बाहर नौकरी करते हैं और या फिर वे हैं जो अपना काम करते हैं. अधिकतर कार्यालय, दुकानें , मॉल्स बंद होने से इन लोगों की नौकरी पर संकट मंडरा रहा है. अधिकतर लोग जैसे तैसे युवा हैं देश भर अलग अलग जगहों से लोग पहुंचे हैं. सभी को हिदायत दी गयी है एक दूसरे से फैसले बनाकर रखें. लगभग एक हजार से ज्यादा लोग यहाँ पहुंचे हैं और आने वाले दिनों में और पहुँचने की सम्भावना है. हालांकि बसें, ट्रेन बंद हैं फिर भी जैसे तैसे ये लोग पहुंच रहे हैं ऋषिकेश. ऋषिकेश को चारधाम यात्रा का गेट कहा जाता है यही से पहाड़ शुरू होते हैं और लोग अपने क्षेत्रों में जाते हैं.
जनता की आवश्यक वाली दुकानें खुली रहीं, बाकी बाजार बंद रहा
लॉकडाउन के आदेश के बाद रियशिकेश में सुबह आवश्यक सेवा वाली दुकानें खुली, जबकि अन्य दुकानों के शटर गिरे रहे हैं.बाद में जो दुकानें खुली दिखी उनको पुलिस ने बंद करवा दिया. ब्यापारियों ने तेजी से सुबह सामान बेच दिया.जीएमओयू और रोडवेज की बसों का संचालन पूरी तरह बंद रहा, जबकि तड़के पर्वतीय क्षेत्रों के लिए इक्का-दुक्का टैक्सिया संचालित हुई. सड़कों पर सुबह के वक्त थ्री व्हीलर वाहन सवारियों को ढोते नजर आए लेकिन बाद में बंद कर दी गयी.
पहले ही लॉकडाउन के चलते भले ही अंतर उत्तराखण्ड की सीमा को सील कर दिया गया है. मेन हरिद्वार-ऋषिकेश तोड़ पर स्थित बाजार, तिलक नगर रोड, रेलवे रोड, देहरादून रूड, नटराज चौक, कोयल घाटी, भारत मंदिर रोड, पुरानी चुंगी रोड, गंगा नगर रोड, ढालवाला, गुमानी वाला, श्यामपुर,नेपाली फार्म जैसी प्रमुख जगहों के बाजार बंद रहे. वहीँ रोजमर्रा का आवश्यक सामान लोग खरीदते दिखे सुबह से जो दुकाने खुली थी वहीँ से. सड़कों पर जगह जगह पुलिस के बैरिकेडिंग लगी मिली.इस दौरान सुरक्षा चाक चौबंध देखने को मिली.
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