गजबे हाल है ...जय हो लक्ष्मी माता=
आज रिपोर्टिंग के दौरान एक प्रकरण हुआ, दिन में..
अब पैसे का सवाल था और किसी बुजुर्ग की गोपनीयात्रा का मामला था,
इसलिए सोचा उनका नाम और फोटो न दिखाई जाए, लेकिन शेयर कर रहा हूँ नाम न लेकर...रोचक प्रकरण देखने को मिला-हम 2-3 जर्नलिस्ट बाजार में थे रिपोर्टिंग के दौरान, एक 70-75 के आसपास बुजुग ब्यक्ति अंकल जी आये हमारे पास, अचनाक और बोले भैया...आप पलटिये तो...मेरे पैसे आपके पास हैं क्या ? हम सकपका गए कौन हैं ? क्या हुआ ? मामला क्या है?
हमने पूछा क्या हुआ अंकल जी ? बोले बेटे मेरे पैसे थे 10 ,000 पता नहीं कहाँ गए, बैंक से निकाल के लाया था. अब यहाँ आया मैं सामान लेने कुछ दूकान पर तो देखा नए नए नॉट थे गायब हो गए. आपको तो नहीं मिले ? हमने कहा अंकल आप भूल तो नहीं गए कहीं, जेब चेक कीजिये...आप कहाँ कहाँ गए थे ? आजकल जी की मूंछें ऊपर थी...रेलवे से रिटायर थे....लेकिन मुंह में पसीना पसीना और हिटलर जैसी मूंछे मुरझा गयी ऐसा लगा..जो ऊपर थी मुड़ी हुई ...जिंदगी गुजार दी मूंछें मोड़ने में तब जा कर ऐसी बानी होंगी वे..खैर, अंकल जी बेचारे परेशान बोले मैंने अपनी नीचे वाली जेब में रखे थे पेंट के...नहीं हैं. अब क्या करूँ ?
इसलिए सोचा उनका नाम और फोटो न दिखाई जाए, लेकिन शेयर कर रहा हूँ नाम न लेकर...रोचक प्रकरण देखने को मिला-हम 2-3 जर्नलिस्ट बाजार में थे रिपोर्टिंग के दौरान, एक 70-75 के आसपास बुजुग ब्यक्ति अंकल जी आये हमारे पास, अचनाक और बोले भैया...आप पलटिये तो...मेरे पैसे आपके पास हैं क्या ? हम सकपका गए कौन हैं ? क्या हुआ ? मामला क्या है?
हमने पूछा क्या हुआ अंकल जी ? बोले बेटे मेरे पैसे थे 10 ,000 पता नहीं कहाँ गए, बैंक से निकाल के लाया था. अब यहाँ आया मैं सामान लेने कुछ दूकान पर तो देखा नए नए नॉट थे गायब हो गए. आपको तो नहीं मिले ? हमने कहा अंकल आप भूल तो नहीं गए कहीं, जेब चेक कीजिये...आप कहाँ कहाँ गए थे ? आजकल जी की मूंछें ऊपर थी...रेलवे से रिटायर थे....लेकिन मुंह में पसीना पसीना और हिटलर जैसी मूंछे मुरझा गयी ऐसा लगा..जो ऊपर थी मुड़ी हुई ...जिंदगी गुजार दी मूंछें मोड़ने में तब जा कर ऐसी बानी होंगी वे..खैर, अंकल जी बेचारे परेशान बोले मैंने अपनी नीचे वाली जेब में रखे थे पेंट के...नहीं हैं. अब क्या करूँ ?
अंकल जी हालत ख़राब...पसीना पसीना मुंह पर...और जैसे तैसे वे कभी इसको पकड़ रहे हैं कभी उसको...फुल फॉर्म में थे बोई रहे थे...पता नहीं कहाँ गए ? आने जाने वालों से पूछ रहे थे आपको तो नहीं मिले रास्ते में....फिर गाडी में पानी की बोतल रखी थी मैंने...उनको पानी पीने को दी....बैठ जाने को कहा..वहीँ दुकानों के शहर डाउन थे उनके आगे अंकल जी को बैठने को बोलै...मैंने कहा पहले आप पानी पीजिये फिर बात करते हैं.....दिमाग ठंडा करो पहले....सोचा कहीं पैसे के चक्कर में बुजुर्ग ब्यक्ति हैं कुछ हो गया तो और मुसीबत...पहले पानी नहीं पी रहे थे..बोले नहीं पियूँगा...जब तक पैसे नहीं मिल जाते....ने नए नोट थे ....२-२ हजार के .....पता नहीं कहाँ गिर गए, किसी ने निकाल लिए ...पता नहीं ...
अंकल जी को रिक्वेस्ट की आप पानी पियो साफ़ है गरम पानी कर के लाया था अब ठंडा हो गया होगा..मैंने गरम पानी पीता हूँ.... .खैर अंकल जी ने बोतल खोली, ढक्कन अपनी ऊपर वाली जेब रखा और 3 बार पानी गटक गए बोतल से...लेकिन अंकल जी बेचारे बहुत परेशां...क्या करे ? फिर हमने कहा अंकल जी आप के साथ कोई था ? क्या ? या फिर आपने ध्यान करो कैसे रखे थे कहाँ रखे थे....?? फिर बोले मैंने नीचे जेब में रखे थे मुझे ध्यान है ...नहीं हैं दोनों जेबों में...देख ली..अब क्या करूँ ??मैंने कहा अंकल जी ठीक है पुलिस में शिकायत करते हैं. आपकी अर्जी लिख देते हैं ..तहरीर दे देते हैं...बोले ठीक है. पक्का ...हमने कहा पक्का और क्या मदद कर सकते हैं फिर...फिर अंकल जी जेब से ढक्कन निकाला तो देखा नए नए नोट गुलाबी रंग के ऊपर वाली जेब में रखे हैं.....बोले मिल गए !!! ये देखो ...अंकल जी की मूंछे भी हसने लग गयी फिर.....और अंकल जी का डांस देखते फिर ....सड़क पर .....सामने बनिया दुकान खोले बैठा था ..वह भी गल्ला छोड़ कर बाहर आ गया अंकल जी को देखने....हमने कहा कैसे मिले अब ?? बोले अरे बेटा में भूल गया था की ऊपर वाली कुर्ते की जेब में रख दिए थे मैंने...पहले मैंने नीचे रखे थे फिर सोचा नए नोट ऊपर रख देता हूँ..मोबाइल (500 रुपये वाला) नीचे रख देता हूँ....बस बुढ़ापा हुआ बेटा ऐसा ही हुआ......मिल गए जय हो भगवान् की...मैंने कहा अंकल जी इस दुकान से अब सवा रुपये का प्रसाद भी ले लो भगवान् को चढ़ाए देना....बोले क्योँ लू प्रसाद???? मिल गए बस ...हाथ जोड़ते हुए और मूंछे हंसती हुई...मुंह पोछते हुए बोले--एक बात तो थी, या तो अंकल जी शातिर हैं, या फिर दिल तो बच्चा है जी, बुढ़ापा है ...इतना ही मन हुआ ..लेकिन एक बात है. देखिये ..पैसे गायब हो गए तो परेशान , हार्ट अटैक होने को हो गया ..बीपी ऊपर नीचे होने लगा.....लेकिन जब मिले प्रसाद क्योँ लूँ ??? इंसान देखिये लक्ष्मी के पीछे कितना पागल हो जाता है....इंसान की बुद्धि भ्रस्ट कर देता है...पैसा ज्यादा आ गया तब भी..उलटे - सीधे काम शुरू ... हर किसी को बेशर्मी से बोलना...गाडी ,माकन सबसे पहले बनाना ..बर्बादी की शुरुआत वहीँ से शुरू होती है....नहीं हो पैसा तब भी परेशान ....बहुत खतरनाक है सच में !!!!!
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