देहरादून: चार धामों में से एक धाम केदारनाथ धाम के कपाट सुबह यानि बुधवार को मेष लग्न में सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर खोल दिए जाएंगे. उत्तराखण्ड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मन्दिर बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है. बताया जा रहा है कि केदारनाथ मंदिर को कई क्वेंटल फूलों से सजाया गया है. सजाने के लिए लगभग 10 क्वेंटल फूलों का प्रयोग किया गया है. इस बार कोरोना संक्रमण के चलते श्रद्धालु नहीं कपाट खुलने के समय दर्शन नहीं कर पाएंगे. गिने चुने लोग रहेंगे कपाट खुलते समय केदार धाम में. भगवान शिव की जगह केदारनाथ धाम में अब छह महीने तक पूजा होगी.
सुबह मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग बाबा की समाधि पूजा के साथ अन्य सभी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करेंगे. बाबा केदार की पूजा-अर्चना के लिए जरूरी पूजन सामग्री भी डोली के साथ धाम पहुंचा दी गई है. देवस्थानम बोर्ड ने कपाट खोलने की तैयारी पूरी कर ली है. इस बार बर्फ संगम से लेकर मंदिर तक बर्फ को काटकर चार फ़ीट का रास्ता बनाया गया है.
लोग आसानी से जा सके ऐसा इसलिए किया गया है. इससे पहले बाबा की डोली ने किया धाम में विश्राम. बाबा केदार की डोली ने देवस्थानम बोर्ड के कार्यालय में विश्राम किया और पूजा अर्चना कर आरती व भोग लगाया गया.
सुबह मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग बाबा की समाधि पूजा के साथ अन्य सभी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करेंगे. बाबा केदार की पूजा-अर्चना के लिए जरूरी पूजन सामग्री भी डोली के साथ धाम पहुंचा दी गई है. देवस्थानम बोर्ड ने कपाट खोलने की तैयारी पूरी कर ली है. इस बार बर्फ संगम से लेकर मंदिर तक बर्फ को काटकर चार फ़ीट का रास्ता बनाया गया है.
लोग आसानी से जा सके ऐसा इसलिए किया गया है. इससे पहले बाबा की डोली ने किया धाम में विश्राम. बाबा केदार की डोली ने देवस्थानम बोर्ड के कार्यालय में विश्राम किया और पूजा अर्चना कर आरती व भोग लगाया गया.
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