--कपाट खुलने के दौरान आम लोगों के दर्शन कर पाने की उम्मीद कम, रावल भी होंगे क्वारेंटाइन-
देहरादून : 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमण न फैले प्रशासन इसके लिए एहतियात बरत रहा है.बदरी-केदार के रावल भी होंगे क्वारेंटाइन. सिर्फ पुजारी ही खोलेंगे कपाट 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के. लेकिन मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं जुटने दी जाएगी. धाम में सिर्फ पुजारी-पुरोहित मौजूद रहेंगे..इसके अलावा रावल क्वारेंटाइन होंगे.
देश में लॉक डाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया है. ऐसे में लॉकडाउन के चलते सदियों से चली आ रही परम्परा भी टूटती नजर आ रही हैं. उत्तराखंड के धामों, मंदिरों में सदियों से चली आ रही परंपराएं टूट रही हैं. अब भगवान् भी ‘अघोषित कैद’ में रहने को मजबूर हो गए हैं इन धामों, मंदिरों में. लॉकडाउन बढ़ने से अब सीधा असर चारधाम यात्रा पर भी पड़ेगा. कपाट खोले जाने के दौरान धाम में मुख्य पुजारी और पुरोहित तो रहेंगे, लेकिन आम लोग बाबा केदार के दिव्य दर्शन कर पाएंगे या नहीं. सुरक्षा की दृष्टि से श्रीबदरीनाथ धाम के नायब रावल श्री केदारनाथ धाम के रावल (मुख्य पुजारी) और उनके सेवादारों को दो सप्ताह तक क्वाॅरेन्टाइन में बिताना होगा. ऐसा निर्णय कोरोना वायरस से यात्रा को सुरक्षित करने के लिए किया जा रहा है. सभी व्यक्तियों को चिकित्सकीय जांच के पश्चात 2 सप्ताह का समय क्वॉरेंटाइन में बिताना पड़ेगा. आपको बता दें कि श्रीबदरीनाथ धाम के नायब रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी आजकल अपने विभागीय सहायकों एवं सेवादारों के साथ केरल में है और केदारनाथ जी के रावल श्री भीमाशंकर लिंग जी महाराज अपने विभागीय सहायकों एवं सेवादारों के सहित कर्नाटक राज्य में हैं. जिस तरीके से हालात बने हुए हैं ऐसे में लगता नहीं कि आम लोग कपाट खुलने के दौरान बाबा केदार के दर्शन कर पाएंगे. सूत्रों के अनुसार कपाट खुलने के दिन सिर्फ कुछ लोग ही डोली के साथ केदारनाथ धाम पहुंचेंगे, जिनमें मुख्य पुजारी के साथ उनके सेवाकार, भंडारी, संभालिया, पंथेर-पुरोहित शामिल हैं.
रुद्रप्रयाग जिले के डीएम मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि यात्रा को लॉकडाउन के चलते सिर्फ धार्मिक परंपराएं निभाने के लिए संचालित किया जाएगा. प्रशासन व्यवस्थाओं पर निरंतर निगरानी रख रहा है. जल्द ही बिजली, पानी और संचार सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी. डीएम मंगेश घिल्डियाल ने ये भी साफ किया कि कोरोना महामारी के चलते केदारनाथ धाम में भीड़-भाड़ की अनुमति नहीं दी जाएगी. आपको बता दें कि केदारनाथ में रास्तों पर जमी बर्फ हटाते हुए 130 सदस्यों की टीम केदारनाथ धाम पहुंच गई है, लेकिन धाम में अभी बिजली, पानी और संचार की कोई व्यवस्था नहीं हुई. 29 अप्रैल को बाबा केदार की डोली के साथ सिर्फ वही लोग धाम जा सकेंगे, जो नियमित रूप से केदारनाथ में रहेंगे. धाम में भीड़ नहीं जुटने दी जाएगी, लेकिन पूजा-अर्चना, भोग आदि नियमित पूजाएं होती रहेंगी. अभी देखा जाए तो यात्रा में केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू होने में अब 16 दिन बचे हैं.ऐसे में स्थानीय प्रशासन के लिए भी चुनौती बनी रहेगी कैसे क्या करना है? सारी व्यवस्था बनाना स्थानीय प्रशासन के हवाले है. प्रशासन से केदारनाथ धाम में जाने वाले कर्मचारियों को लेकर चर्चा की गई है. ” करीब 10 से 12 लोगों को डोली के साथ केदारनाथ भेजा जाएगा. जो नियमित केदारनाथ में रहेंगे. प्रतिदिन पूजा अर्चना, भोग आदि नियमित पूजाएं होती रहेंगी”. डीएम मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि “केदारनाथ धाम की यात्रा को लॉकडाउन के चलते महज धार्मिक परम्पराओं के निर्वहन हेतु संचालित किया जाएगा. प्रशासन केदारनाथ धाम की व्यवस्थाओं पर निरंतर निगरानी कर रहा है. जल्द ही बिजली, पानी और संचार सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी. कोरोना महामारी के चलते केदारनाथ धाम में भीड़ भाड़ को अनुमति नहीं दी जाएगी. फिलहाल तैयारियों के लिए संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है.”
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