#उत्तराखण्ड में मेडिकल स्टाफ की कमी के चलते स्वास्थ्य सेवाएं हो रही हैं प्रभावित
#सरकारी हॉस्पिटल्स में जुड़ने से आम मरीजों को मिलेगी राहत -
Dr.VIJAY DHASMANA, VC, SRHU
ऋषिकेश/जौलीग्रांट : कोरोना महामारी के बीच SRHU जौलीग्रांट के डॉक्टर आगे आये हैं. सरकारी हॉस्पिटल में स्टाफ की कमी के चलते वे मुफ्त में सेवा देंगे. हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (SRHU) के चिकित्सक सरकारी चिकित्सालय में देंगे अपनी मुफ्त सेवाएं. सरकारी चिकित्सालय में चिकित्सकों की भारी कमी है, ऐसे में कोरोना महामारी के चलते प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं.सरकारी अस्पतालों पर काम का काफी दबाव भी है, ऐसे में हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस ने सरकारी चिकित्सालय में अपने चिकित्सकों की तैनाती करेगा. इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय से पत्राचार की कार्रवाई भी हो चुकी है. कोरोना जैसी महामारी के चलते सबसे ज्यादा दबाव स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है. ऐसे में चिकित्सकों को जगह-जगह अपनी सेवाएं देनी पड़ रही है. जिससे व्यवस्था काफी प्रभावित हो रही है.
SRHU
राज्य सरकार के कई चिकित्सालय इस समय चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे हैं. ऐसे में लोगों को स्वास्थ्य लाभ देने के उद्देश्य से हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के वीसी विजय धस्माना ने कहा कि “इस महामारी के समय उनके चिकित्सक निशुल्क सेवा देने के लिए तैयार हैं. इसके लिए अनुमति भी मिल चुकी है अब जल्द ही चिकित्सक विहीन चिकित्सालय में इनकी तैनाती होगी. जिससे लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिलने की उम्मीद है. क्योंकि इस समय अधिकांश चिकित्सक कोरोना जैसी महामारी से जूझने में लगे हैं. वह सामान्य बीमारी के उपचार के लिए लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. लेकिन अब लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है.प्रदेश में सरकार ने पहले नियुक्तियां नहीं की अब हेल्थ एमरजेंसी हुई तो स्टाफ की कमी हो गयी है. ऐसे में डॉक्टर्स और नर्सें पहले सरकार को नियुक्त करने चाहिए. प्रदेश में काफी लोग बेरोजगार हैं जो मेडिकल की पढ़ाई कर के बैठे हैं. मेडिकल प्रोफेशनल एक दिन में बनता नहीं है सालों पढ़ाई करते हैं फिर प्रैक्टिस. ऐसे में सरकार को डॉक्टर्स और नर्सों की नियुक्ति जितनी जल्दी हो सके करनी चाहिए. बेशक इसलिए रूल नियम में संसोधन करना पड़े तो करना चाहिए. क्योँकि मेडिकल प्रोफेशनल एक दिन में नहीं बनते सैलून पढ़ाई कर के फिर बनते हैं.


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