देहरादून : सालों बाद आपको देश का प्रधानमंत्री फोन कर खुद हाल-चाल पूछता है, तो आप अंदाजा लगा सकते हैं उस इंसान के मन में कितनी इज्जत होगी उस इंसान के बारे में जिसने अपना जीवन पार्टी को खड़ा करने में और लक्ष्य प्राप्त करने में लगा दिया हो और फिर आजकल के चौकाचौंध भरी जिंदगी कैमरे, अखबारों से दूर अपना जीवन परिवार के साथ बिता रहा हो. आज सुबह उत्तराखंड भाजपा के वरिष्ठ नेता मोहन लाल बौठियाल को आया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय से फोन. आपसे प्रधानमंत्री बात करेंगे. लगभग 3 मिनट बात हुई दोनों के बीच. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सन 60 से जनसंघ से जुड़े मोहन लाल बौठियाल को आज यकीन नहीं हुआ कि उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय से अचानक फोन आया और प्रधानमंत्री बात कर रहे हैं. उनकी हाल चाल पूछ रहे हैं. उनके पार्टी, संगठन को दिए योगदान को याद कर रहे है. सुबह 8 बजकर 26 मिनट पर जब वे अपने गाँव एता में अपने गेंहू के खेतों की तरफ घूमने गए थे तभी ये फोन आया .जिसमें उनसे पूछा गया क्या मोहन जी बोल रहे हैं ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ये बताया गया कि प्रधानमंत्री बात करेंगे आपसे लाइन पर रहिये. फिर प्रधानमंत्री ने लगभग तीन मिनिट बात की बौंठियाल से. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि आज उन्होंने जनसंघ से जुड़े अपने पुराने लोगों से बात की. इसी क्रम में आप से बात कर रहे हैं. ये समय संकट का है इसलिए वे सभी से बात कर रहे हैं. साथ ही दोनों ने अपनी बद्रीनाथ व श्रीनगर गढ़वाल की मुलाकातों को याद किया.
मोहन लाल बौठियाल,भाजपा के वरिष्ठ नेता
बौठियाल ने कहा कि ये किसी कार्यकर्ता के लिए बहुत बड़ा सम्मान है कि जब देश का प्रधानमंत्री स्वयं फोन करके उनका हालचाल पूछता है और मोदी जी की यही खूबी उन्हें जननायक बनाती है. एक विश्व नेता के तौर पर सिखर पर रखती है. गौरतलब है कि मोहनलाल बौठियाल उत्तराखण्ड में बीजेपी के संस्थापकों में से एक रहे हैं. सन 1958 में वे बाल स्वयं सेवक के तौर पर संघ से जुड़ गए थे 1960 में वे जनसंघ से जुड़े और फिर 1970 में जनता पार्टी में फिर 1980 में भाजपा के सदस्य बने और तब से आज तक जुड़े हुए हैं. उत्तराखण्ड में बीजेपी को एक पार्टी के तौर पर खड़ा करने के लिए वर्षों कठिन परिश्रम किया. वे राज्य बनने के बाद पार्टी के कई वरिष्ठ पदों पर रहे पंचायत प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रहे . अनुशासन समिति के अध्यक्ष रहे. वह कई बार गढ़वाल लोकसभा के प्रभारी व पालक रहे हैं. भुवन चंद्र खंडूरी के चुनव के समय भी वे पदाधिकारी थे. 2014 से 2020 तक राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे. बीजेपी सरकार के समय वन निगम व जलागम प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रहे. वही विद्या भारती रामजन्मभूमि आंदोलन व राज्य आंदोलन में सक्रिय भूमिका रही है. कई बार जेल भी गए हैं. आपातकाल में भी भूमिगत आंदोलन में सक्रिय रहे राज्य बनने से पहले पर्वतीय विकास परिषद के सदस्य भी रहे. वे एक जाने माने न्यूरोसर्जन भी हैं. उनके सुपुत्र भी न्यूरोसर्जन हैं अभी लखनऊ में हैं.मूलतः वे उत्तरकाशी के रहने वाले हैं, वर्तमान में वे देहरादून में रहते हैं. राजनीती में कहते हैं उगते सूरज को सलाम करते हैं सभी. ऐसे में जब प्रदेश में पार्टी पुराने लोगों को भूल रही है ऐसे में प्रधानमंत्री द्वारा पुराने लोगों को याद किया जाना उन लोगों के लिए भी संदेश है. जो आज पार्टी की चकाचौंध देख रहे हैं. लेकिन उस त्याग समर्पण को मेहनत को नहीं देख रहे हैं जिसकी बदौलत आज पार्टी इस मुकाम पर पहुँची है.
उनके इस फोन प्रकरण को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी शेयर किया है. उन्होंने कहा पार्टी में वरिष्ठों का कैसे सम्मान किया जाता है वह इसी पार्टी में हो सकता है. साथ ही कहा पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को भूलती नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस तरह पुराने लोगों को याद करना उनकी खूबी को दर्शाता है साथ ही एक आम कार्यकर्ता के लिए यह किसी प्रेरणा से कम नहीं है.
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