देहरादून : खबर उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मंडल के चम्पावत जिले से है. एक ऐसे शख्स की जो ईरान से उसे अपने गृह जनपद पहुँचने में लग गए 60 दिन यानि दो महीने. फिर भी रास्ते में हैं अभी भी. प्रवीन की हिम्मत की दाद देनी होगी. अब प्रवीन अपने गृह जनपद चम्पावत में क्वारंटाइन में हैं.
14 दिन पूरे हो जायेंगे तब घर पहुँच पाएंगे. प्रवीन जिंदगी की सबसे लम्बी यात्रा बताते हैं अपनी इसको. कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन से जो बीती है चम्पावत निवासी 32 साल के प्रवीन बुराठी पर वह जिंदगी भर नहीं भूलेंगे. प्रवीन ईरान में कमा करते हैं मर्चेंट नेवी में कार्यरत हैं. लगभग 3551 किलोमीटर के इस सफर उन्हें चार दफा क्वारंटाइन होना पड़ा. मंगलवार को सवेरे वह राजस्थान से सीधे अपने गृह जनपद चम्पावत पहुंचे. अब उन्हें चम्पावत में चौथी बार क्वारंटाइन कर एक होटल भेज दिया गया है. प्रवीन का गाँव खटोली है, 65 किलोमीटर दूर चम्पावत मुख्यालय से. बुराठी सउदी अरब से कजाकिस्तान और ईरान के बीच मर्चेंट नेवी में कार्य करते हैं. फ़रवरी 28 को उन्हें भारत लौटना था, लेकिन कोरोना संक्रमण फैलने से उनकी यात्रा अटक गई. फ्लाइट जो थी कैंसिल हो गयी और आगे कुछ पता नहीं था कब फ्लाइट आएगी इंडिया के लिए. प्रवीण ने बताया कि राजस्थान में दो बार क्वारंटाइन में रहने के बाद उन्हें पास बनाने में ही तीन दिन का समय लग गया. वह 23 अप्रैल को राजस्थान से दिल्ली पहुंचे. दिल्ली से चम्पावत पहुंचने के लिए उन्हें 30 हजार में वाहन बुक कराना पड़ा. इस दौरान उन्हें यूपी के हापुड़ में रोक लिया गया.
बड़ी मुश्किल से वे वहां से निकले. फिर दूसरे रुट से निकलते हुए जैसे तैसे चम्पावत पहुंचे. पुरे 60 दिन लग गए प्रवीन को चम्पावत तक पहुँचने में और अभी तक घर नहीं पहुंचे हैं. ईरान से दिल्ली की हवाई दूरी पड़ती है 2278 किमी, दिल्ली से राजस्थान की दूरी पड़ती है 425 किमी, राजस्थान से दिल्ली पड़ती है 425 किमी, दिल्ली से चम्पावत की दूरी 423 किमी. कुल जोड़ा जाए तो यात्रा किलोमीटर में निकल के आती है 3551 किलोमीटर. इंसान अगर अपने घर के लिए इतना ट्रेवल करना पड़े तो कैसे करेगा और क्या उसकी मनोदशा होगी आप अंदाजा लगा सकते हैं. वह भी तब जब आपके पैसा है लेकिन रास्ते बंद हैं. साधन नहीं है. जैसे तैसे आप निकल रहे हैं अपने घर की तरफ. इससे पहले वे ईरान में फ्लाइट पकड़ने से पहले क्वारंटाइन हुए. ईरान सरकार ने प्रवीन को फ्लाइट पकड़ने से ठीक पहले के समय निकट आते ही उन्हें ईरान प्रशासन ने 14 दिन के क्वारंटाइन में भेज दिया. 1 मार्च से 14 मार्च तक ईरान में क्वारंटाइन रहे.
इस दौरान उनके दो सैंपल भी लिए गए. दोनों सैंपल नेगेटिव आने के बाद उन्हें दिल्ली के लिए जाने दिया और फ्लाइट में बैठने दिया. इसके बाद वे दिल्ली से राजस्थान गए और राजस्थान में दो दफा क्वारंटाइन किया गया. अपने देश आने की ख़ुशी में प्रवीन के लिए ज्यादा समय तक नहीं रही. दिल्ली में फ्लाइट से उतरते ही प्रशासन ने उन्हें 18 मार्च को राजस्थान आर्मी कैंप भेज दिया गया.यहां भी किस्मत ने प्रवीन का साथ नहीं दिया. प्रवीण को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन में भेज दिया गया. सैंपल जांच में रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी प्रवीन की क्वारंटाइन अवधि 14 दिन और बढ़ा दी गई. अब जब अपने जिले में पहुँच गए हैं अब फिर से क्वारंटाइन में हैं. घर गाँव अभी भी 65 किलोमीटर दूर है लेकिन इतनी संतुष्टि है वे अपने राज्य, अपने जिले अपने गाँव घर के पास हैं अब. वहां लोग अपने हैं. यही एक सुकून है प्रवीन को.