रविवार, 16 फ़रवरी 2020

पाकिस्तानी हनी ट्रैप का शिकार हुए 11 नेवी के जवान, गिरफ्तार-

दिल्ली:पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में नेवी के 11 सैनिक गिरफ्तार,नहीं थम रहा है हनी ट्रैप का मामला- 
देश में गद्दारों की कोई कमी नहीं है, जो लोभ लालच के चक्कर में अपना जमीर बेच देते हैं, देश को बेच देते हैं . कहते हैं देशभक्त बहुत हैं लेकिन कुछ जयचंद हरजगह मिल जाते हैं और वही हो रहा है जब तक हमारे अपने जयचंद हैं तब तक कुछ नहीं कर सकते हैं लेकिन देश की सुरक्षा को ताक पर रखकर दुश्मन देश को सूचना पहुंचाना गद्दारी है और उसके लिए सख्त से सख्त सजा होनी चाहिए. ऐसे  इंसान  को नौकरी  से ही  नहीं  बल्कि  समाज  से भी  बर्खास्त  कर देना चाहिए. कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें से 11 नेवी के जवान और 2 आम नागरिक हैं.इन सभी 13 पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप है. सबसे ख़ास बात सभी आरोपी सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी को नौसेना से संबंधित संवेदनशील सूचनाएं लीक करते थे। पाक के एजेंटों ने इन सभी को हनी ट्रैप में फंसा रखा था।यानि महिलायें बात करती थी इनसे और वे अपने जाल में फंसा कर इनसे सूचनाएं लेती थी.  सूत्रों के अनुसार ऐसे इस जासूसी के मामले में सबसे पहले आंध्र प्रदेश पुलिस, नौसेना की खुफिया इकाई और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने संयुक्त कार्रवाई में 7 नौसैनिकों को गिरफ्तार किया था।फिलहाल, आंध्र प्रदेश की पुलिस इस जासूसी कांड की जांच कर रही है और इसमें नेवी की सीक्रेट यूनिट उसकी मदद कर रही है। हालाँकि, नेवी ने अब स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई, केवल 2जी फोन के उपयोग की इजाजत. नौसेना के मुंबई, करवार (कर्नाटक) और विशाखापट्टनम अड्डे से इन नौसैनिकों की गिरफ्तारी की गई थी। नौसैनिकों द्वारा सोशल मीडिया के दुरुपयोग का मामला सामने आने के बाद नौसेना ने सैनिकों के स्मार्टफोन और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म के इस्तेमाल पर सख्ती से रोक लगा दी थी। हालांकि, इसी तरह के जासूसी के मामले सामने आने के बाद भी सेना और वायुसेना ने अभी तक इस तरह की रोक नहीं लगाई है। इससे पहले भी कुछ सैनिक चाहे आर्मी के हो एयर फ़ोर्स के हो या नेवी क हो हनी ट्रैप का शिकार हो चुके हैं।ऐसे में सम्बंधित सेनाओं को अपने कर्मियों के लिए सख्त नियम बनाना और शुरू में ट्रेनिंग देना बहुत जरुरी है अन्यथा देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ होता रहेगा जो कभी घातक सिद्ध हो सकता है. हालाँकि, बैन से कर्मचारियों की परेशानी बढ़ीं हैं, नौसेना के सूत्रों ने बताया कि स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर अचानक लगाई गई इस पाबंदी की वजह से कर्मचारियों को अपने परिवार से संपर्क करना और निजी इस्तेमाल के लिए डिजिटल सेवाओं के इस्तेमाल में परेशानी आ रही है। हालांकि, नौसेना ने पुरानी तकनीक वाले 2जी मोबाइल फोन करने की इजाजत दी है। जानकारों के मुताबिक, इसका इस्तेमाल सीमित है और इसे इंटरसेप्ट भी किया जा सकता है। देश को बचाने के लिए इतना तो सहन करना ही होगा जवानों को अब अगर जिम्मेदारी ले रखी है तो देश की सुरक्षा की-

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