गुरुवार, 15 जुलाई 2010

आंखिर रुपैया हुआ चिन्हित....



आंखिर रुपिया हुआ "प्रतीकात्मक"....! आज तक रुपये को सिर्फ रुपये के नाम से जाना जाता था.. प्रतीक के रूप में कोई ऐसा चिन्ह नहीं था. विश्व के लिए जो यह समझ सके कि यह हिन्दुस्तान का रुपिया है. आज तक रूपी या फिर रुपिया के नाम पर जाना जाता था...खैर देर सबेर केंद्र सरकार ने इसके 'प्रतीकात्मक चिन्ह' को चुन लिया. जिन अंतिम पांच चिन्हों को चुना गया था उनमे से असिस्टैंट प्रोफ़ेसर डी उदय कुमार के चिन्ह को हरी झंडी मिली.

देशी शब्दों में कहूँ तो 'निक नेम' चुन लिया गया लेकिन यह आधिकारिक नाम या चिन्ह होगा....लेकिन इसकी जो प्रक्रिया रही वो बहुत सोचने वाली है..पहला इतना समय क्योँ लगा? दूसरा जो प्रक्रिया थी क्या वो उचित थी ? तीसरा जिन पांच मंत्रियौं ने इसको हरी झंडी दी क्या उनको ये अधिकार है? या फिर क्या अधिकार दिया जाना चाहिए था? क्या और कोई प्रक्रिया हो सकती थी? और यह आम लोगों के रुपये से जुडा मसला था...और हर एक हिन्दुस्तानी से जुड़ा मसला था....हिन्दुस्तानी मुद्रा का सवाल था....अच्छी बात है प्रतीक होना....प्रतीक अच्छा है...उस पर सवाल नहीं उठा रहा हूँ ...लेकिन जो प्रक्रिया थी ये उचित थी? इस पर सवालिया निशाँ खड़े होते हैं....ठीक है आम आदमी से डिजाइन मंगाए गए थे जो अच्छी बात थी ...और जो राशि रखी गई थी वो बहुत कम थी....इतने महत्वपूर्ण मामले पर जिस इंसान का डिजाइन चुना गया उसको एक अच्छी राशि या अन्य सुबिधा तो सरकार दे सकती थी..... जहाँ तक प्रतीक की बात है वो सुन्दर है..देवनागरी लिपि से जुड़ा है..और हिंदी और इंग्लिश दोनू का साझा डिजाइन है..और एक लाइन पंक्ति के रूप में डाली हुई है...जो देवनागरी लिपि या फिर हिंदी भाषा में डाली जाती है....

बधाई
उदय कुमार जी को..जो आई आई टी गुवाहाटी में असिस्टैंट प्रोफ़ेसर के पद पर शुक्रवार को ज्वाइन करने जा रहे हैं....

1 टिप्पणी:

anees alam ने कहा…

अनीस आलम राजस्थान ,

अब जो भी हुआ ठीक हुआ, देर आये दुरुस्त आये हिन्दुस्तानी मुद्रा का आखिर कोई नाम तो तय हुआ इसके लिए बधाई | वही भले प्रोफेसर डी उदय कुमार को राशी कम मिली ये तो सर्कार ही जाने बहरहाल प्रोफेसर डी उदय कुमार का नाम इतिहास के पन्नो में जरुर याद किया जायेगा साथ ही प्रोफेसर डी उदय कुमार को हिन्दुस्तान को हिन्दुस्तानी मुद्रा का प्रतीक चिन्ह उपलब्ध कराने पर ढेरो शुब्कामनाए

Дели: правительство Индии вводит запрет на 59 китайских приложений, включая работу Tiktok в Индии, в том числе UC Brozer

-Collab на Facebook может заменить Tik Tok, может скоро запустить Collab в Индии -Решение заставило китайские технологические компании сд...