इस चुनाव ने कांग्रेस और भा ज पा दोनू की हवा निकाली है....
पाँच राज्यौं के चुनाव रिजल्ट पर गौर करे तो राजनीती के दो धुरंदर डालू कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी कल इए यह एक सेमीफाइनल नही बल्कि नींद से जागने का अलार्म था. कौन क्या होगा? कसी होगा? ये आने वाले दिनू में दिखाई देगा. रही बात लोकसभा चुनाव की तो पाँच राज्यौं से जो ७३ लोकसभा सीटू के माई - बाप तो बन सकते हैं परन्तु पुरी लोकसभा का आईना होंगे इसमे शक की पुरी गुन्जाईस है लोकतंत्र में चुनाव होना अची बात है, और उससे अच्छी बात है राजीन्तिक डालू और नेतू का जनता के प्रति जवाबदेह होना।
एक बात देखने को मिली राजधानी दिल्ली में जैसे कयास लगाये जा रहे थे उसके बिपरीत चुनाव रिजल्ट आए. इससे साफ़ झलकता हाही लोगू ने कार्य को बोट दिया है न की मुद्दू को. रही बात लहर की तो इससे न तो कांग्रेस की राष्ट्रब्याप लहर पैदा हुई है न ही भारतीय जनता पार्टी की. यहाँ पर कांग्रेस को थोड़ा जोश मिला है तो भारतीय जनता पार्टी का अतिविश्वास होना उसी को झटका दे गया. सही कहे तो दोनू डालू की हालत पसीने पसीने जैसी हो राखी है वो भी राजधानी के इस शर्दी के मौसम में. कुल मिलाकर देखे तो छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस से बेहतर काम किया है और इसका फल चुनाव में देखने को भी मिला वही दिल्ली में विकास काफी हुआ मगर बाहरी इलाकू को छोड़कर. अब देखना यह है की शील सरकार कितना ध्यान भाहरी इलाकू में लगाती है. वही मिजोरम में जोरम ठंगा को सत्ता से बहार कर फ़िर से जनता ने विकास न कर पाने की सजा दी है. सही कहे तो जनता का या फ़ैसला लोकतंत्र के लिए अहम् साबित होगा. (इंग्लिश से हिन्दी कन्वर्टर प्रयोग करने की वजह से कुछ गलतिया हैं इसलिए माफ़ी चाहूँगा)
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