सबने देखा राजपथ पर 60वीं वर्षगांठ का नज़ारा जो अपने आप में भव्य और सुंदर तो था ही साथ ही वीरता का परिचायक दिखने वाले जाम्बजू की कहानियौं से सारा देश गूंज उठा. इतिहास के साक्षी राजपथ पर सोमवार को भारतीय गणतंत्र यदि अपनी सैन्य क्षमता पर गर्वित था तो दूसरी तरफ शहीदों की स्मृति में विनीत और उदास भी। नज़ारा भारतीय गणतंत्र की 60वीं वर्षगांठ का उत्सव था जिसमें अपनी संस्कृति, अपनी सेना और अपने शहीदों पर समारोह के मुख्य अतिथि कजाखस्तान के राष्ट्रपति नूरसुल्तान एबशिवच नजरवायेव दुनिया की बड़ी शक्ति बनने की तरफ अग्रसर भारत के शक्ति प्रदर्शन को देखकर अभिभूत थे। आज राजपथ पर पहले बिखरीं यादें और फिर दिखी भारतीय सैन्य शक्ति व संस्कृति की बहुरंगी झांकी। कोहरे ने भी आख़िर अपनी हार मन ही ली और बियर जवानू के आगे वो भी नमस्तक हो गया...मुंबई हमले में शहीद जांबाजों के परिजन सम्मान के लिए मंच की तरफ बढ़े तो तमाम आंखे अपने आप नम हो गई। मुंबई एटीएस के पूर्व चीफ हेमंत करकरे, मेजर संदीप उन्नीकृष्णन और बटला मुठभेड़ के शहीद इंस्पेक्टर एम सी शर्मा समेत इंस्पेक्टर विजय एस सालस्कर, अन्य शहीदों के परिवारीजन जब राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से अशोक चक्र सम्मान ले रहे थे . पुरा देश इसको देख कर गर्व महसूस कर रहा था की हमारी रक्ष्या करने वाले जब तक ऐसे वीर रहेंगे तब तक हमें कुछ नही हो सकता है. पुरा भारत इनकी बहादुरी को सलाम कर रहा था। इसके बाद शुरू भारतीय युद्धक क्षमताओं का नजारा। सतह से सतह पर 3000 किलोमीटर तक मार करने वाली अग्नि-3, टी-90 टैंक भीष्म, टी-72 और सतह से आकाश में मार करने वाली 'आकाश' मिसाइल हर चुनौती के लिए भारत की तैयारी को रेखांकित कर रही थीं। इजरायल से एयरबोर्न अर्ली वार्निग एवं नियंत्रक प्रणाली वाले फाल्कन राडार के साथ वायुसेना अपनी प्रस्तुति कर रही थी. रोहिणी थ्री-डी राडार के साथ यह प्रणाली भारत को एयरोस्पेस पावर बनने में मदद करेगी. वही महिलाऊ की तुक्दिया भी देखने को मिली जो कन्धा से कन्धा मिला कर चलते हुए अपनी वीरता का अहसास करा रही थी. राजपूत रेजिमेंट जय बजरंग बली का उद्घोष करते जवान आगे बर्हते नज़र आ रहे थे. वही पैराशूट रेजिमेंट के विशेष बल कमांडो तो अपने पुरे जोश खरोश के साथ आगे बर्हते चले जा रहे थे. अंत में मोटरसाइकिल सवारों ने शानदार पर्दर्शन कर यह दिखा दिया की भारत हर शेत्र में आगे रहना चाहता है.अर्द्धसैनिक बल भी अपने फ़र्ज़ और वीरता का परिचायक देने में पीछे नही रहे. इनमे सीमा सुर्क्क्ष्य बल ,केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल , केन्द्त्रिया औद्योगिक सुरक्ष्य बल,भारतीय तिब्बत बॉर्डर पुलिस और अन्य अपना पर्दर्शन करने को पीछे नही थे. ...
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