इंसान जिंदगी में आया तो उसे एक दिन जाना भी है, यह सत्य है ! इसी कड़ी में पिछले ९ जनवरी २००९ को मेरे बड़े नाना जिनको हम बूबू जी भी कहते हैं, स्वर्गवासी हो गए ! उनका देहांत कांदा में उनके अपने पैत्रक विल्लेज में हुआ। उनके बारे में कहू तो बहुत कुछ है, लेकिन यहाँ पर कुछ सबदु के जरिये आपके सामाने उनकी खूबिया रखने की कोसिस कर रहा होऊं। जो चीज़ हम लोगूँ ने उनसे सीखी लेकिन जो अहम् चीज़ देखने को मिली वो भी थी उनकी निडरता और बेबाक तरीके से बात को कहने की खूबी। मुझे नही लगता वो किसी से डरे जिंदगी में। क्यूंकि उन्हूने निडर जिंदगी जी है। मुझे अपना बचपन उनके नजदीक बिताने का सौभाग्य रहा, और मैंने देखा की उन्हूने अपनी जिंदगी में बहुत कुछ ऐसे काम किया जो आम लोगूँ के लिए समाज के लिए काफी फैदेमंद रहे। वो एक रियल अग्ग्रेस्सिव इंसान रहे हैं। जहा तक हमारी अपनी बात ,ये पारिवारिक श्यति तो है ही साथ ही समाज,इलाके के लिए भी यह बहुत बड़ी दुःख की बात है।
क्योंकि वो साँप काटने से लेकर दम और अन्य कई बीमारियौं का सफल इलाज़ जानते थे। उसके लिए वे देशी दवाई bअनाते थे, ख़ुद मैंने कई बार जडी बूटी लाते हुए देखा है। लेकिन कभी क्या है और किस चीज़ के लिए है कभी समझने की कोशिश नही की। उनका आकस्मिक देहनत होने से मुझे बड़ा दुःख हुआ क्यूंकि उन्हूने दुःख में भी पुरे गर्व के साथ जीना सीखा। आदमी दुबारा नही आता है लेकिन उसकी यादे हमेसा के लिए रहती हैं...... एक बार जब में डेल्ही आ रहा था और उनसे मिलने के लिए गया और मैंने चरण स्पर्श किए तो वो बोले रुक थोडी देर यही पर। मैंने सोचा क्या कहेंगे पता नही। लेकिन थोडी देर बार ए तो उन्हूने मुझे २० रुपये दिए और कहा की नाती रास्ते कुछ अची चीज़ लेना मगर कोई ख़राब चीज़ मत लेना जिससे तुम्हे नुकशान ...हो। उन्हूने अपने लंबे परिवार बचू की अच्छी तरह से शादी ब्याह कर अपनी जिमीदारी निभायी। जीवन के अन्तिम दिनू तक वो खूब काम करते थे और कभी काम करने से नही हिचकते थे। में तो सिर्फ़ उनकी आत्मा के लिए दुआ कर सकता होऊं बाकि उनका आशीर्वाद हमारे सर के ऊपर रहना चैये यही कामना है.....
1 टिप्पणी:
आपके नाना जी को हमारी श्रद्धांजलि!
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