मामला देखा जाये तो सब पैसे का लगता है? दिल के बजाय इस स्टोरी में दिमाग की खपत ज्यादा हुई है...ऐसा लगता है! खैर अचानक शादी हो रही है करके, खबर आई लेकिन वो भी फुस्स ! जरुरी कागजात न होने से वो भी नहीं हो सकी....कुल मिलाकर 'फर्स्ट अटेम्प्ट फ़ैल' !और जो तलाक दिया था उसमे भी पिता का नाम कुछ और लिख डाला...लो कर लो जो करना है..आंखिर हीरो जो है....मनमानी तो चलेगी हीरो की न?अच्छी बात है किसी की शादी होना....लेकिन जिस फजीहत और कश-म-कश के दरम्यान ऐसा हुआ वो भी एक कहानी है और सब जानते हैं क्या हुआ क्या नहीं ....लेकिन इस सब में एक बात तो तय है वो है सानिया जितनी बड़ी स्टार रही है इस देश की और टेनिस की उस सोच में जरुर कमी आई है और देश में उनकी टीआरपी कम हुई है..जितने चाहने वाले थे उतने ही इस मसले से खफा होने वाले भी हो गए हैं.....दूसरा पहलु सबसे सुखद जो रहा वो था उस लड़की आयशा सिदिकी का जो पहली पत्नी थी....जैसा वो दावा कर रही थी ...उसे उसका हक़ मिल गया...और जो बाद में कबूल भी किया शादी का और मजबूरन तलाक भी देना पड़ा...इससे एक बात तो देखने को मिली लोग कैसे कैसे साफ़ जूठ बोल जाते हैं....चाहे उनका जीजा क्योँ ना हो जो लम्बी लम्बी प्रेस कांफेरेंस कर सब जूठा होने का दावा थोक रहा था.....वो भी चुप है....दुबक के रह गया......अब क्या हुआ मियां जी....?खैर जो हुआ अच्छा हुआ...शादी कितनी चल पायेगी वक्त बतायेगा...हमारी ओर से शुभ कामना दोनों को!.....लेकिन मीडिया कितना खूंखार बना रहता है, ये वक्त वक्त बतायेगा....फिलहाल पाकिस्तान हो या फिर इंडिया दोनू ही देश का मीडिया बौखलाए बैठा है इन दोनू से ....और अभी तो उस 'एक्स मिर्ज़ा साहब ' की जबान खुलनी बांकी है.....जो कभी मिस मिर्ज़ा के करीबी हुआ करते थे.......?
स्टोरी अच्छी है हीरो की दूसरी शादी हो रही है, हेरोइन भी पहली सगाई तोडकर प्रेमी के साथ निकाह करने जा रही है,विलेन भी है....लेकिन इसमें विलेन कोई पुरुष नहीं बल्कि एक महिला है...जो शहर की रसूखदार परिवार से ताल्लुक रखती है और एक अच्छे अंतररास्ट्रीय पाठशाला में शिक्षिका थी....जो हीरो की पहली पत्नी भी थी, और उसने हीरो से रोप पीट कर मीडिया को सहारा बनाकर तलाक ले डाला वो भी तब जब उसे उसका पति नहीं मिला, जो सीमा पार रहता था और गोरों के खेल बाल-बैट [क्रिकेट]का सट्टेबाज खिलाड़ी भी है..उसके अलावा चोट खाए हुए और भी कई किरदार हैं! एक साहब तो विदेश पढ़ाई करने चल दिए....एक हीरो का ही अपना जीजा बताया जा रहा है....जो पता नहीं क्या क्या बोलता फिर रहा है...और बोलते-बोलते इंडिया पहुच गया...उसके अलावा सीमा पार भी महिलायें भी हैं जो हीरो के करीबी मानी जाती थी...वो भी छाती पीट रही है...बाकी पता नहीं कितने पढ़ाई छोड़ चले गए हैं...कुछ दुआ में मस्त हैं तो कुछ दारू के साथ ब्यस्त हैं...कुल मिलाकर कहानी अच्छी है....अब देखना यह है की हीरो और हेरोइन की शादी कब तक हो पाती है और फिर हीरो हेरोइन को अपने वतन ले जाता है या फिर किसी दुसरे मुल्क में...जहाँ वो खेल के शहंशाह बन कर खूब 'रियाल' कमा सकें....
अब देखते रहिये आगे-आगे होता है क्या ?
स्टोरी अच्छी है हीरो की दूसरी शादी हो रही है, हेरोइन भी पहली सगाई तोडकर प्रेमी के साथ निकाह करने जा रही है,विलेन भी है....लेकिन इसमें विलेन कोई पुरुष नहीं बल्कि एक महिला है...जो शहर की रसूखदार परिवार से ताल्लुक रखती है और एक अच्छे अंतररास्ट्रीय पाठशाला में शिक्षिका थी....जो हीरो की पहली पत्नी भी थी, और उसने हीरो से रोप पीट कर मीडिया को सहारा बनाकर तलाक ले डाला वो भी तब जब उसे उसका पति नहीं मिला, जो सीमा पार रहता था और गोरों के खेल बाल-बैट [क्रिकेट]का सट्टेबाज खिलाड़ी भी है..उसके अलावा चोट खाए हुए और भी कई किरदार हैं! एक साहब तो विदेश पढ़ाई करने चल दिए....एक हीरो का ही अपना जीजा बताया जा रहा है....जो पता नहीं क्या क्या बोलता फिर रहा है...और बोलते-बोलते इंडिया पहुच गया...उसके अलावा सीमा पार भी महिलायें भी हैं जो हीरो के करीबी मानी जाती थी...वो भी छाती पीट रही है...बाकी पता नहीं कितने पढ़ाई छोड़ चले गए हैं...कुछ दुआ में मस्त हैं तो कुछ दारू के साथ ब्यस्त हैं...कुल मिलाकर कहानी अच्छी है....अब देखना यह है की हीरो और हेरोइन की शादी कब तक हो पाती है और फिर हीरो हेरोइन को अपने वतन ले जाता है या फिर किसी दुसरे मुल्क में...जहाँ वो खेल के शहंशाह बन कर खूब 'रियाल' कमा सकें....
अब देखते रहिये आगे-आगे होता है क्या ?
1 टिप्पणी:
baat bilkul sahi hai ke ab dekhna yahi baki hai ki shadi sahi slamat kitna samay chalti hai ?kyonki ye shadi kam deal jayda lagti hai.
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