अपने ग्रेंडमास्टर विश्वनाथ आनंद फिर बने विश्व चैंपियन ! जी हाँ पिछले कई सालों से इस सख्स ने देश का नाम रोशन किया है... देश का गौरव बढ़ाते हुए आनंद ने विश्व चेस चैंपियनशिप के फाइनल में वेसलीन टोपलोव को हराया वो भी सिर्फ 56 चालों में शिकस्त देकर खिताब पर कब्ज़ा कर डाला...
इस गेम में बारह गेम खेले जाते हैं...और इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भारतीय ग्रेंडमास्टर ने टोपलोव के 5.5 अंक के मुकाबले 6.5 अंक अर्जित कर जीत हासिल की। पहले भी आनंद ने इसे 2008 में इस खिताब को जीता था।खास बात पहले पूरे आनंद टोपलोव से हार गए थे फिर अगले मुकाबले में ड्रा खेला.... गजब की टक्कर दी क्योँकी पहले हार और फिर दिमागी रूप से मजबूत और हमेसा तेज़ी से चाल चलने वाले आनंद आंखिर कार राजा साबित हुए.....और अंत में चौथे गेम में उन्हूने बाज़ी मार ली और और एक अंक की बढ़त ले ली...
लेकिन एक बात हमेशा जहाँ में जो नाम, कवरेज,सोहरत आनंद जैसे खिलाड़ी को मिलनी चाहिए, वो नहीं मिली....आंखिर ऐसा क्योँ? वो सच्चे खिलाड़ी हैं, देश के लिए इतना नाम कमाया है उन्हूने, और एक अच्छे इंसान भी हैं...मीडिया ने भी खासकर इंडियन मीडिया ने ज्यादा तवज्जो नहीं दी..अखबार में तो छाये रहे लेकिन टीवी पर सिर्फ खबर चला दी...ब्रेकिंग चला दी, और कुछ नहीं .....क्रिकेट होता तो एक एक बाल पर क्या हुआ एक्सपर्ट बैठा दिए होते.....और पता नहीं कितने इनाम दे चुके होते...कितने मीडिया वाले कैमरे ले कर पीछे पीछे भाग रहे होते....भारत की बादशाहत अब दिख रही है...रशिया अब इसमें पीछे होता दिख रहा है ....कुछ भी हो आनंद को हमारी ओर से ढेर बधाई.....!
इस गेम में बारह गेम खेले जाते हैं...और इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भारतीय ग्रेंडमास्टर ने टोपलोव के 5.5 अंक के मुकाबले 6.5 अंक अर्जित कर जीत हासिल की। पहले भी आनंद ने इसे 2008 में इस खिताब को जीता था।खास बात पहले पूरे आनंद टोपलोव से हार गए थे फिर अगले मुकाबले में ड्रा खेला.... गजब की टक्कर दी क्योँकी पहले हार और फिर दिमागी रूप से मजबूत और हमेसा तेज़ी से चाल चलने वाले आनंद आंखिर कार राजा साबित हुए.....और अंत में चौथे गेम में उन्हूने बाज़ी मार ली और और एक अंक की बढ़त ले ली...
लेकिन एक बात हमेशा जहाँ में जो नाम, कवरेज,सोहरत आनंद जैसे खिलाड़ी को मिलनी चाहिए, वो नहीं मिली....आंखिर ऐसा क्योँ? वो सच्चे खिलाड़ी हैं, देश के लिए इतना नाम कमाया है उन्हूने, और एक अच्छे इंसान भी हैं...मीडिया ने भी खासकर इंडियन मीडिया ने ज्यादा तवज्जो नहीं दी..अखबार में तो छाये रहे लेकिन टीवी पर सिर्फ खबर चला दी...ब्रेकिंग चला दी, और कुछ नहीं .....क्रिकेट होता तो एक एक बाल पर क्या हुआ एक्सपर्ट बैठा दिए होते.....और पता नहीं कितने इनाम दे चुके होते...कितने मीडिया वाले कैमरे ले कर पीछे पीछे भाग रहे होते....भारत की बादशाहत अब दिख रही है...रशिया अब इसमें पीछे होता दिख रहा है ....कुछ भी हो आनंद को हमारी ओर से ढेर बधाई.....!
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