रेल मंत्री का गैर-जिम्मेदाराना बयान .......!ऐसे हादसे होते रहते हैं..और इनको रोका नहीं सकता है....इसके लिए लोग ही जिम्मेदार हैं ! क्या बात है ...अगर यह हादसा किसी और रेल मंत्री के समय हो गया होता तो अब तक ममता बहन लाल-पीली हो कर चीखनेचिल्लाने लग जाती और जितनी भड़ास,गुस्सा निकालती वो हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं ...लेकिन खुद रेल मंत्री होने पर और ऐसे बयान दे कर वो अपना पल्ला झाड रही हैं.
मृतकों और घायलों के परिवार वालों के प्रति सम्बेदना जताने के बजाय उल्टा जिम्मेदार लोगों को ही बता दिया गया है....ऐसे बोली जैसे उनकी कोई जिम्मेदारी या जवाबदेही है ही नहीं है...खैर...नयी दिल्ली रेलवे स्टेसन पर जो हादसा रविवार दोपहर में हुआ वो भयानक था. एक तो सूर्य की मात..गर्मी का परा ४५ डिग्री के आस पास ऊपर से लोग घर परिवार के साथ इधर उधर जा रहे थे..ऐसे में ऐसी भगदड़ होना और फिर मौत.....! सच में निंदनीय है. रेल मंत्री ने मृतकों और घायल लोगों के खिलाफ कुछ पैसे देने की घोषणा कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी. जांच की घोषणा कर डाली. खुद बैठी हैं कोलकता में... दिल्ली आने की जहमत भी नहीं उठाई. ना कोई प्रेस कांफेरेंस...सिर्फ एक बाईट दे दी...जो भी है भगदड़ इसलिए हुई क्योँ की ट्रेन १२ के बजे १३ पर आई....जबकि उद्घोषणा १२ की हुई थी.....ये रेलवे की गलती नहीं तो किसकी है ?ममता बनर्जी को इसका जवाब देना चाहिए...और ऐसे गैर जिम्मेदाराना बयान देने से पहले सोचना चाहिए...रेल मंत्री होने के कारण उन पर बड़ी जिम्मेदारी है..वे इसे हलके में नहीं ले सकती....रेलवे को और दुरुस्त और नियमित होने की जरुरत है...वरना विश्व के इस बड़े रेल नेटवर्क को ऐसे हादसों का सामना आगे भी करना पद सकता है .....जब हमारे संवादाता वहां पहुचे, मंजर बेहद खतरनाक था और लोग आक्रोशित थे. रात नौ बजे तक लाइव चला लेकिन न रेल मंत्री न कोई दूसरा मंत्री सामने आया. सब संडे का जश्न मनाने में मग्न थे. जिनकी जान गई जो घायल हुए जो बेहोस पड़े हुए हैं उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं....ये देश के नेताओं का हाल है....जो समाज सेवा का दम भरते घूमते फिरते हैं और लुटियन ज़ोन के बिलों में छुपे बैठे हैं. ....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें