तुम आज हँसते हो हंस लो मुझ पर ये आज़माइश ना बार-बार होगी
मैं जानता हूं मुझे ख़बर है कि कल फ़ज़ा ख़ुशगवार होगी|
रहे मुहब्बत में ज़िन्दगी भर रहेगी ये कशमकश बराबर,
ना तुमको क़ुरबत में जीत होगी ना मुझको फुर्कत में हार होगी|
हज़ार उल्फ़त सताए लेकिन मेरे इरादों से है ये मुमकिन,
अगर शराफ़त को तुमने छेड़ा तो ज़िन्दगी तुम पे वार होगी|
[ख्वाजा मीर दर्द की रचना......]
अगर शराफ़त को तुमने छेड़ा तो ज़िन्दगी तुम पे वार होगी|
[ख्वाजा मीर दर्द की रचना......]
2 टिप्पणियां:
बड़ी अच्छी रचना लाये ..आपका बहुत धन्यवाद
शुक्रिया राजेंद्र जी ...!
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