शुक्रवार, 20 मार्च 2020

निर्भया को मिला इन्साफ, चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में फांसी दी गयी-

-7 साल, 3 महीने और 4 दिन के बाद मिला इन्साफ-

दिल्ली- तिहाड़ जेल में आज सुबह निर्भया को चारों दोषियों को फांसी दे दी गयी. 7 साल, 3 महीने और 4 दिन बाद निर्भया को इंसाफ मिला, तिहाड़ में चारों दोषियों को फांसी पर लटकाए गया. पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपे जाएंगे शव, इस दौरान वे रोए-गिड़गिड़ाए और जमीन पर लेट गए. वहीँ निर्भया की मां ने कहा आज का सूरज निर्भया के नाम, देश की महिलाओं और बेटियों का शुक्रिया. चारों दोषी  पवन, मुकेश, विनय और अक्षय को सुबह 5.30 बजे तिहाड़ की जेल नंबर 3 में फांसी पर लटका दिया गया.

कब हुई थी घटना -
16 दिसंबर 2012 की रात दिल्ली में छह दरिंदों ने निर्भया से दुष्कर्म किया था. दिल्ली के मुनीरका से बस में बैठी थी निर्भया और उसका साथी मित्र घर जाने के लिए. रास्त में निर्भया के साथ घटना को दोषियों ने अजनाम दिया. एक आरोपी ने जेल में खुदकुशी कर ली थी, दूसरा नाबालिग था इसलिए तीन साल बाद छूट गया. बाकी बचे चार- मुकेश (32 साल), अक्षय (31 साल), विनय (26 साल) और पवन (25 साल) अपनी मौत से 2 घंटे पहले तक कानून के सामने गिड़गिड़ाते रहे. लेकिन अंत में फांसी दे दी गयी और निभाया को मिला इन्साफ. निर्भया के साथ हुई दरिन्दगी के बाद देश भर में प्रदर्शन हुए थे, आरोपियोंको जल्द से जल्द फांसी की मांग की जा रही थी . इस केस में सभी दुष्कर्मियों को निचली अदालत ने 9 महीने में ही फांसी की सजा सुना दी थी.  दिल्ली हाईकोर्ट को महज 6 महीने लगे फांसी की सुनाई जा चुकी सजा पर मुहर लगाने में. इसके 2 साल 2 महीने बाद मई 2017 में सुप्रीम  कोर्ट  ने भी कह दिया कि फांसी ही होगी. फिर 2 साल 10 महीने और गुजर गए. 4 बार डेथ वारंट भी जारी हुए. फांसी का दिन 20 मार्च को मुकर्रर हुआ. इससे पहले दुष्कर्मियों ने 15 घंटे में 6 अर्जियां लगाईं. शुक्रवार तड़के सवा तीन बजे तक हाईकोर्ट से लेकर सर्वोच्च अदालत तक सुनवाई होती रही. लेकिन सब अर्जी खारिज.
ऐसे दी गयी फांसी
तिहाड़ जेल में पहले से तैयारी शुरू की जा चुकी थी. पहले डमी को फांसी दी गयी थी. उसके बाद देर रात जब कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी सुबह तिहाड़ जेल में फांसी की आखिरी तैयारियां शुरू कर दी गईं. दुष्कर्मियों को फांसी के तख्ते तक ले जाया गया. चारों के हाथ-पैर बांधे गए. उनम से एक दोषी विनय रोने लगा. फिर सभी दोषियों के चेहरे पर नकाब डाला गया और फंदे कस दिए गए. ठीक साढ़े पांच बजे मेरठ से गए जल्लाद पवन ने लीवर खींच दिया और निर्भया को देश कानून ने इन्साफ दिया. महज 7 मिनट बाद जेल अधिकारी ने चारों की मौत की पुष्टि कर दी. 30 मिनट बाद डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया.जैसा  जेल मैन्युअल  में लिखा गया है. तिहाड़ के बाहर निर्भया अमर रहे और भारत माता की जय के नारे लगे रहे थे.
कहाँ की रहने वाली थी निर्भया -
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की रहने वाली थी निर्भया.दिल्ली के पलाम इलाके में निर्भया का परिवार रहता है. निर्भया देहरादून से पैरामेडिकल की पढ़ाई कर रही थी. घटना के दौरान दिल्ली में घर आयी थी निर्भया.

कब एक साथ दी गयी दोषियों को फांसी -
इससे पहले 36 साल 5 महीने पहले एक साथ 4 दोषियों को फांसी दी गई थी. निर्भया केस से 36 साल 5 महीने पहले यानी 25 अक्टूबर 1983 को पुणे की येरवड़ा सेंट्रल जेल में  शांताराम जगताप ,दिलीप सुतार, राजेंद्र जक्काल और मुनव्वर शाह को एक साथ फांसी पर लटकाया गया था. ये सभी दोषी 10 सीरियल किलर थे.
फांसी कब-कब दी गयी
कोलकाता  में दुष्कर्म के आरोपी धनंजय चटर्जी को फांसी दी गयी थी. 14 अगस्त 2004 को  चटर्जी को अलीपुर सेंट्रल जेल में फांसी दी गई थी. वह कोलकाता में 14 साल की छात्रा से दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने का दोषी था. इसके बाद 3 आतंकियों को मौत की सजा दी गई. 9 फरवरी 2013 को अफजल गुरु, 21 नवंबर 2012 को अजमल कसाब और 30 जुलाई 2015 को याकूब मेनन को फांसी पर लटकाया गया था.

ये पांच चेहरे  भी अहम थे केस में -
-पीड़ित का डीएनए एनालिसिस हुआ था, डॉ. बीके महापात्रा के निर्देशन में दोषियों और निर्भया का  , रिपोर्ट में दोषियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले थे
-ओडोंटोलॉजी रिपोर्ट तैयारी की गयी, डॉ. असित बी आचार्या ने ओडोंटोलॉजी रिपोर्ट तैयार की थी, इसी रिपोर्ट की बदौलत निर्भया के शरीर पर मिले दांतों के निशानों का दोषियों से मिलान हुआ था,निर्भया के शरीर पर मिले दांतों के निशान राम सिंह और अक्षय के थे.
-सर्जरी जिस डॉक्टर ने की थी. डॉ. अरुणा बत्रा निर्भया की सर्जरी करने वाली टीम में थीं, उन्होंने 19 दिसंबर को पहली बार निर्भया को देखा था. उनका कहना था. ऐसा केस अपनी जिंदगी में नहीं देखा उन्होंने. इतनी कोई इंसान कैसे दरिन्दगी कर सकता है
-एसडीएम उषा चतुर्वेदी 21 दिसंबर 2012 को निर्भया से मिलीं थीं, उन्होंने निर्भया का बयान लिया था
-दिल्ली पुलिस की जांच अधिकारी एसआई प्रतिभा शर्मा इस केस को हैंडल कर रहीं थीं.

निर्भया की मां ने कहा-
आज का सूरज बेटी के नाम.. भावुक हो कर दुष्कर्मियों को फांसी के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने बेटी की तस्वीर को गले से ;लगा लिया. कहा आज तुम्हें इंसाफ मिल गया. आज का सूरज बेटी निर्भया के नाम है, देश की बेटियों के नाम है. बेटी जिंदा रहती तो मैं डॉक्टर की मां कहलाती. आज निर्भया की मां के नाम से जानी जा रही हूं. 7 साल की लंबी लड़ाई के बाद अब बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी. महिलाएं अब सुरक्षित महसूस करेंगी.

कोई टिप्पणी नहीं:

Дели: правительство Индии вводит запрет на 59 китайских приложений, включая работу Tiktok в Индии, в том числе UC Brozer

-Collab на Facebook может заменить Tik Tok, может скоро запустить Collab в Индии -Решение заставило китайские технологические компании сд...