गुरुवार, 9 अप्रैल 2020

AIIMS ऋषिकेश और बेल के संयुक्त प्रयास से देश का पहला रिमोट हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार

-बेहतर उपचार देने के मामले में एम्स ऋषिकेश ने लगाईं नयी छलांग
 -कोरोना वायरस से लड़ने में मील का पत्थर साबित होगी तकनीकी-प्रो. रविकांत
-दूर दर्ज इलाके में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के वाइटल पैरामीटर्स का कहीं से भी बैठकरलगा सकेगा  पता
-एम्स ऋषिकेश ने वेबसाइट व मोबाइल एप्लीकेशन भी किया तैयार 
-वेबसाइट और मोबाइल ऍप्लिकेशन के जरिये मरीज घर बैठे ही एम्स ऋषिकेश के डॉक्टरों को अपनी बीमारी के विषय में सूचित कर सकते हैं।
-मरीज को अनावश्यक रूप से अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ेगा,समय भी बचेगा और खर्च भी.

ऋषिकेश : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश व रक्षा क्षेत्र में भारत सरकार की नवरत्न कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बेल) बैंगलोर ने मिलकर देश का पहला रिमोट हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया है, जिसके माध्यम से सुदूरवर्ती संसाधन विहीन क्षेत्रों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के वाइटल पैरामीटर्स का कहीं से भी बैठकर पता लगा सकेगा। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि कोरोना वायरस के विश्वव्यापी लगातार बढ़ते प्रकोप के चलते पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई) की व्यापक कमी थी जिसके चलते हेल्थ केअर वर्करस के एक्स्पोज़ होने का काफ़ी ख़तरा था, लिहाजा इसके मद्देनजर एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकीय दल ने (बेल) से संपर्क साधा। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने बताया कि दोनों के संयुक्त प्रयासों से एक ऐसी डिजिटल चिकित्सकीय प्रणाली तैयार की गई है, जिसके तहत एम्स ऋषिकेश में बैठकर चिकित्सक मरीज के घर पर रहते हुए उसके शरीर का तापमान, रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा एवं उसके स्वांस की गति की निगरानी (मॉनिटरिंग) कर सकते हैं। इससे मरीज अनावश्यक रूप से अस्पताल में भर्ती होने से बचेगा।
एम्स निदेशक प्रो.रवि कांत  ने बताया कि भारत इलेक्ट्रॉनिक लि.(बेल) नेटवर्किंग के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है, लिहाजा इस सोल्यूशन के लिए (बेल) ने सफलतापूर्वक ऐसी प्रणाली का निर्माण किया है जो भारत देश में उपलब्ध नहीं है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही एक जिसके द्वारा मरीज घर बैठे ही एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकों को अपनी बीमारी के विषय में सूचित कर सकते हैं। तथा संस्थान के चिकित्सक मरीज द्वारा बताए गए लक्षणों को समझेंगे व तदनुसार उचित निर्णय लेंगे। सॉफ्टवेयर में यह व्यवस्था भी की गई है कि यदि मरीज की रिपोर्ट में चिकित्सक को लगता है कि वह कोविड19 आशंकित है तो उसे संस्थान से इसके लिए मॉनिटरिंग किट उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे वह स्वयं सरलता से घर पर बैठे ही इस किट का प्रयोग कर निरंतर इस प्रणाली से जुड़कर चिकित्सक से परामर्श ले सकते हैं।
AIIMS RISHIKESH DIRECTOR PRO.RAVIKANT 
निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो.रवि कांत  ने बताया कि पेसेंट के वाइटल पैरामीटर्स उसके लोकेशन के साथ इंटरनेट के जरिए बिना अवरोध एम्स ऋषिकेश से कमांड व कंट्रोल सेंटर में प्रदर्शित होते रहेंगे। साथ ही ऐसे एलर्ट भी जारी करेंगे जिसमें मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया यह मोबाइल एप्लीकेशन यह भी प्रदर्शित करेगी कि प्रदेश के किन हिस्सों में बीमारी गंभीर रूप में फैलती जा रही है। एम्स निदेशक प्रो.रवि कांत व भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर एमबी गौतम ने इस उपलब्धि के लिए डॉक्टर मोहित तायल व वरिष्ठ वैज्ञानिक राजशेखर एम.वी. को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बताया कि यह तकनीक कोरोना वायरस से लड़ने में मील का पत्थर साबित होगी।

यह तकनीकी खास तौर उत्तराखण्ड जैसे आपदा ग्रस्त राज्य के लिए खास तौर काफी फायदामंद साबित होगी. क्योँकि दूर-दुर्गम इलाकों में उपचार की सहूलियत मजबूत नहीं होने के कारण मरीज को उपचार लेने में काफी मदद मिलेगी.एम्स ऋषिकेश राज्य का सबसे बड़ा व् अहम संस्थान है. जो उपचार की सुविधा लोगों को दे रहा है. ऐसे में एम्स ऋषिकेश समय समय पर नयी मई अविष्कार कर देश में मेडिकल के क्षेत्र में नए आयाम गठित कर रहा है.

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