मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

कभी मजाक उड़ाते थे भारत की, आज लगा रहे हैं मदद की गुहार

-कोरोना काल के बाद देश में कई योजनाओं पर काम करना होगा जल्द से जल्द 
-हेल्थ स्टाफ डॉक्टर, नर्सों और टेक्निशियंस को सेवा में लिया जाये कोई खाली न बैठे घर पर 
नई दिल्ली :  जब से कोरोना वायरस का हमला मानव जाती पर हुआ है तब से दुनिया के देशों की हालत ख़राब हो गयी है. चीन से निकला वायरस समूचे दुनिया अपने आगोश में ले चुका है कुछ गिने चुने देशों को छोड़कर. ऐसे में वे देश जो अपने आप को विकसित और सबसे ताकतवर मानते थे आज उनके सामने शून्य की स्थित पैदा हो गयी है. वे अपने नागरिकों की जिंदगी की गुहार लगा रहे हैं कभी ईश्वर से कभी दुनिया के अन्य देशों से. ऐसे देशों में सबसे ताकतवर देश कहा जाने अमेरिका भी है. जो आज भारत से मदद मांग रहा है ऐसे वाक्य बोल रहा है जो कभी अमेरिकन के मुंह से शोभा नहीं देते थे.

NARENDRA MODI, PRIME MINISTER OF INDIA 
वे अपने से ऊपर किसी को नहीं मानते थे. इटली जो दुनिया का दूसरा सबसे अहम देश जो मेडिकल सुविधा से संपन्न देश है लेकिन आज तबाह हो गया है. अपने नागरिकों की जान नहीं बचा पा रहा है, स्पेन के भी यही हाल हैं लगभग. ईरान जो कुछ महीनों पहले भारत की आलोचना कर रहा था आज भारत की तरफ देख रहा है. ब्रिटेन का राजा और प्रधानमंत्री रानी सब कोरोना की गिरफ्त में हैं. वहां पर भारतीय समुदाय के मंत्री हैं जो देश को संभाल रहे हैं जिसमे वित्त मंत्री भी हैं. 30 से ज्यादा देश आज भारत से दवा मांग रहे हैं. जिसमें विकसित देश भी हैं. जो कभी इंडिया को तिरछी नज़रों से देखते थे. ऐसे में अगर भारत विश्व गुरु बनने की तरफ बढ़ता दिखाई दे रहा है तो इसमें किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए.
यही देश आज नमस्ते कर रहे हैं एक दूसरे को, नमस्ते कह कर स्वागत कर रहे हैं राष्ट्रध्यक्ष भी जिसमे अहम ब्रिटेन के राजा चार्ल्स और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यांनाहु भी शामिल हैं. मालदीव ने कहा है भारत जैसा दोस्त होने पर गर्व है. भारत ने दोस्ती निभाई. कई देशों में शवों को दफनाने के बजाय संक्रमण न फ़ैल जाए इसलिए उनका दाह संस्कार कर रहे हैं. आज इन देशों में लाशों का ढेर लगा है. समूचे दुनिया में एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है अभी तक. इटली में सबसे ज्यादा 18 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. अमेरिका में 10 , हजार से ज्यादा मौतें हो चौकी है अभी आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. अमेरिका में पिछले 24 घंटे में डेढ़ हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जो बहुत बड़ा आंकड़ा है. ऐसे में भारत की तरह ये देश देख रहे हैं. दक्षिण कोरिया के वैज्ञानिक ने भी माना भारत का लोहा. कहा विश्व में हर बच्चे को भारत का बनाया टीका लगाया जाता है आज. इससे पता लग सकता है 
Hydroxychloroquine दवा का कितना उत्पादन करता है भारत. अभी सभी देश भारत की तरफ देख रहे हैं Hydroxychloroquine दवा के लिए. एक दौरा था जब कभी विदेश जाने के लिए लोग तरसते थे आज विदेशी या भारतीय भारत आना चाहता है. क्योँकि आधाभूत ढांचा काफी मजबूत हुआ है. बड़ी बड़ी कंपनियां भारत आ रही है. भारत में उत्पादन शुरू कर रहे हैं. नहीं तो कुछ वर्षों पहले भारतीय विदेश जाने के लिए तैयार रहते थे. भारत में रहने या आने में संकोच करते थे. आज विश्व की बड़ी बड़ी कंपनियां भारतवंशी के हाथ में हैं. बड़े बड़े सीईओ, एमडी भारत के हैं. वो चाहे एप्पल के हो या फिर गूगल के या फिर यूरोप की सबसे बड़ी स्टील कंपनी को खरीदने का मामला हो. भारतीय इंजीनयर हो, सोफ्वटवेयर प्रोफेशनल हो, डॉक्टर, नर्सें हो या अन्य प्रोफेशनल. दुनिया भर में उनकी मांग है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था पहले देश को सपेरों का देश कहा जाता था. मजाक उड़ाते थे पश्चिमी देश. आग वही देश भारत के आगे नतमस्तक हैं. इन पश्चिमी देशों ने शुरू में कोरोना वायरस संक्रमण को हल्के में लिया. लेकिन जब बीमारी फैलने लगी तब इनके आँखें खुली तब तक देर हो चुकी थी. अब हजारों मौतें हो रही हैं. दुनिया में कोविड -19 वायरस की वैक्सीन अभी बनी नहीं. सब रिसर्च करने में लगे हैं. जब तक बनेगी तब तक पता नहीं मौतों का आंकड़ा क्या होगा. वहीँ दूसरी तरफ भारत के कामों की हर तरफ तारीफ हो रही है. ब्राजील के राष्ट्रपति ने भारत को हनुमान बताया. कैसे संजीवनी बूटी ला कर दी भारत ने उनके देश को इस संक्रमण से बचाने के लिए. वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने भारत की तारीफ की है जिस तरीके से भारत ने इसको संभाला है.संयुक्त राष्ट्र संघ ने भारत का लॉकडाउन को सही समय पर लिया कदम करार दिया. इससे न सिर्फ राजनीतिक दूरदर्शिता का पता चलता है बल्कि आप अपने देश के साथ साथ दूसरे देश की कैसे मदद करते हैं उसका भी पता चलता है. आप एक लीडर के तौर पर विश्व के सामने आते हैं.

आना वाला समय भारत केलिए चुनौती भरा, जल्द से जल्द ये कुछ उपाय करने होंगे सरकार को-
ऐसे में आने वाला समय भारत के लिए चुनौती भरा होगा. इसके लिए भारत को पहले से तैयार रहना चाहिए. भारत को अपना हेल्थ स्टाफ अधिक से नियुक्त कर मैन-पावर मजबूत करना चाहिए. जिसमे डॉक्टर, नर्स,टेक्नीशियन इत्यादि हैं. जिनको उम्र न देखकर बल्कि इनको अनुभव और जरुरत के हिसाब से भर्ती कर देना चाहिए. क्योँकि ये प्रोफेशनल आसानी से नहीं मिलते हैं. इनको प्रोफेशनल बनने में सालों लगते हैं. कोई मेडिकल प्रोफेशनल खाली न बैठे घर पर जो करना चाहता है काम उससे काम करवाना चाहिए. सरकार को उसको कानून नियमों में ढील दे कर नियुक्त करना चाहिए और ये सब केंद्र सरकार की रिकॉर्ड लिस्ट में हों।दूसरा हमारे सीमाएं जो हैं उन पर क्वारंटाइन बॉक्स बनाने चाहिए. जो भी इंडिया में प्रवेश करता है उसको इन बॉक्स से जांच से गुजरना पड़े. जैसे खास तौर पर नेपाल से लगती सीमा खुली सीमा है, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से ये सीमा लगी हुई हैं. ऐसे में कोई संक्रमित ब्यक्ति भारत में प्रवेश आसानी से कर सकता है. वैसे भी भारत के पडोसी देश पाकिस्तान और चीन भारत की तरक्की देख कर खुश नहीं हैं. यहाँ जो भी आये उसको बिन मेडिकल जांच के अंदर न आने दिया जाए. ऐसे में उसका रिकॉर्ड भी रहेगा कहाँ जा रहा है, क्योँ जा रहा है ? किस लिए जा रहा है, कितने दिन के लिए जा रहा है इत्यादि. 
तीसरा हर स्कूल में फर्स्ट ऐड का कोर्स कम्पलसरी कर देना चाहिए ताकि हेल्थ एमेजेंसी के समय में ये लोग आगे जा कार काम कर सके. सबका डाटा रखा जाये. चौथा जो भी मेडिकल प्रोफेशनल है डॉक्टर या नर्स उसको उसके आधार कार्ड या जो भी अहमद सरकारी दस्तावेज हैं सबमें जानकारी दी जाए. अगर एमरजेंसी में किसी को जरुरत हो तो वह इनसे संपर्क कर सके और समय पर से उपचार मिल सके. अभी यही पता नहीं होता आपके पड़ोस में कोई मेडिकल प्रोफेशनल है और आप शहर में ढूंढ रहे होते हैं. पांचवा मेडिकल रिसर्च में अधिक से अधिक फोकस काना होगा. दवा, टीके या मेडिकल उपकरण अधिक से अधिक बनाने में जोर देना चाहिए. वैज्ञानिकों को लगाना होगा. लैब्स अधिक से अधिक बनाये जाए. कोरोना के बाद भारत को इस दिशा में जल्द से जल्द काम करना होगा तभी हम हेल्थ एमरजेंसी के समय अपने आप को खड़ा कर पाएंगे. अगर विश्व गुरु बनाना है तो.

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