शुक्रवार, 3 अप्रैल 2020

सावधानः लॉक डाउन तोड़ा तो होम डिलीवरी होगी एफआईआर

लॉक डाउन तोडा तो होम डिलीवरी होगी FIR की 
मुजफ्फरनगर में वीडियो बनाकर पहचान की जाएगी,
FIR की कॉपी की होगी होम डिलीवरी-
दिल्ली : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में अगर आपने लॉकडाउन  तोड़ा तो आपके घर पर पुलिस FIR की कॉपी भेज देगी. मतलब होम FIR की होगी अब डिलीवरी. SSP अभिषेक यादव खुद लोगों को बता रहे हैं यह सूचना माइक पर. घर में रहिये, सुरक्षित रहिये. अगर आप लोग गली या सड़कों पर निकलेंगे तो आपके खिलाफ वीडियो कर उस सख्स की पहचान कर मुक़दमा कायम कर आपके घर में उसकी कॉपी दे दी जाएगी. अगर रिसीव नहीं किया या चस्पा किये कॉपी फाड़ी तो फिर मुक़दमा दर्ज होगा सम्बंधित ब्यक्ति के खिलाफ. पुलिस प्रशासन को कानून ब्यौवस्था बनाये जाने के लिए या किसी आदेश की तामील करवाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है. ऐसे में उनके काफी दवाब रहता है.तब ऐसे कुछ फैसले लिए जाते हैं जो अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं. जैसे जिले के कप्तान ने यह फैसला लिया है. कई जगह लोग लॉकडाउन को नहीं मान रहे हैं ऐसी सूचना जब मिली खुद जिले के पुलिस कप्तान गलियों,सड़कों पर निकले और लोगों को माइक पर जानकारी दी और आगाह किया. 
Abhishek Yadav, SSP 
अब वे सड़कों पर बिना वजह टहलने वाले या क्रिकेट खेलने वालों की वीडियो बनाकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की कॉपी उनके घर पर चस्पा करवा रहे हैं. मुजफ्फरनगर हमेशा से बहुत संवेदनशील जिला रहा है. ऐसे में कानून ब्यौवस्था बनाने के लिए पुलिस अधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. पुलिस के अधिकारी आरोपी के घर जाकर एफआईआर की कॉपी सौंपेंगे. एसएसपी अभिषेक यादव ने मीडिया में जानकारी देते हुए बताया कि शहर के अंदर गलियों में काफी लोग घूम और टहल रहे हैं. ये लोग क्रिकेट खेलते हैं और जब पुलिस आती है तो भाग जाते हैं और घरों  में चले  जाते  है.  ऐसे लोग गलत सन्देश देते हैं समाज में. ऐसे समय में इनको पुलिस प्रशासन की बात माननी चाहिए बजाय ऐसे करने के. सबके स्वास्थ्य का मामला है यह. पुलिस लोगों की हिफाजत के लिए घूम रही है. लेकिन कुछ लोग समझ नहीं रहे हैं. 
क्या होती है FIR-
किसी आपराधिक घटना के संबंध में पुलिस के पास कार्रवाई के लिए दर्ज की गई सूचना को प्राथमिकी या प्रथम सूचना रिपोर्ट  या F I R कहा जाता है.प्रथम सूचना रिपोर्ट या एफआईआर (First Information Report या FIR) एक लिखित प्रपत्र (डॉक्युमेन्ट) है जो भारत की पुलिस द्वारा किसी संज्ञेय अपराध (cognizable offence) की सूचना प्राप्त होने पर तैयार किया जाता है. यह सूचना प्रायः अपराध के शिकार व्यक्ति द्वारा पुलिस के पास एक शिकायत के रूप में दर्ज की जाती है. किसी अपराध के बारे में पुलिस को कोई भी व्यक्ति मौखिक या लिखित रूप में सूचित कर सकता है. FIR पुलिस द्वारा तैयार किया हुआ एक दस्तावेज है जिसमे अपराध की सुचना वर्णित होती है. आम तौर पर  पुलिस द्वारा अपराध संबंधी अनुसंधान प्रारंभ करने से पूर्व यह पहला कदम अनिवार्य है.भारत में किसी भी व्यक्ति द्वारा शिकायत के रूप में प्राथमिकी दर्ज कराने का अधिकार है. किंतु कई बार सामान्य लोगों द्वारा दी गई सूचना को पुलिस प्राथमिकी के रूप में दर्ज नहीं करती है. ऐसे में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए कई व्यक्तियों को न्यायालय का भी सहारा लेना पड़ता है.
स्पा क्या होता है-
सही शब्द है चस्पा करना. इस का अर्थ है चिपकाना. यह उर्दू में बहु प्रयुक्त शब्द है. आम तौर पर अदालतें, पुलिस प्रशासन इस शब्द का प्रयोग करते हैं.अदालत से जारी की गई सूचना को यदि वांछित व्यक्ति लेने से इन्कार कर दे तो उस सूचना को उस के निवास के बाहर चिपका दिया जाता है और इस चिपकाने के सबूत के बतौर दो उपस्थित व्यक्तियों के हस्ताक्षर गवाह के रूप में करा लिये जाते हैं. अदालत यह स्वीकार कर लेती है कि वांछित व्यक्ति को सूचना प्राप्त हो गयी है. इसे सूचना को चस्पा करना कहते हैं. 

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